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वित्तिय स्वीकृति मिले तो मिल सकता है कपड़ा उद्योग को जीवनदान

टर्सरी तकनीक पर अपग्रेड होंगे तीन प्लांट, वित्तीय स्वीकृति के बाद काम पकड़ेगा गति  

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पाली. कपड़ा उद्योग को जीवनदान देने और प्रदूषण का स्तर नियंत्रित करने के लिए एक बार फिर करोड़ों रुपए का प्रोजेक्ट मुहाने पर खड़ा है। इस बार तीन प्लांट को अपग्रेड करने और उनके आगामी 10 साल तक संचालन करने के प्रोजेक्ट की वित्तीय स्वीकृति का इंतजार है। यह फाइल जिला कलक्टर के पास अटकी है। लेकिन खास बात यह है कि इन तीनों प्लांट को टर्सरी तकनीक पर ही अपग्रेड किया जा रहा है।

सीईटीपी प्रबंधन की ओर से ट्रीटमेंट प्लांट संख्या 4, 5 और छह को अपग्रेड करने और इसका संचालन 10 साल तक करने के लिए एक कंपनी को देने की तैयारी चल रही है। पहले बिना टैंडर प्रक्रिया अपनाए काम करवाने के कारण यह मामला विवादों में घिर गया था। इसके बाद निविदाएं आमंत्रित की गई। अब तकनीकी स्वीकृति के बाद मामला वित्तीय स्वीकृति में अटका है जिला कलक्टर के पास भी इस मामले की फाइलें अटकी है। हालांकि अब इसके जल्द पूरे होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन इसमें बड़ा पेच फिर टर्सरी तकनीक का है।

प्लांट संख्या छह इसी बात पर संकट में

सीईटीपी का ट्रीटमेंट प्लांट संख्या 6 वर्तमान में टर्सरी तकनीक पर संचालित है। इसके लिए आरपीसीबी मुख्यालय ने नोटिस जारी कर इस प्लांट को जेडएलडी पर अपग्रेड नहीं करने पर बैंक गारंटी जब्त करने के साथ ही सख्त कार्रवाई की बात कहीं है। अब टर्सरी तकनीक पर ही प्लांट अपग्रेड किए जा रहे हैं। ऐसे में आरपीसीबी या एनजीटी की सख्ती का खतरा बना हुआ है।

इधर, शिकायत सत्यापन में यह आया सामने

सीईटीपी के विरुद्ध आपराधिक वाद न्यायालय में दायर होने के बाद सीईटीपी प्रबंधन ने शिकायत सत्यापन प्रतिवेदन प्रस्तुत कर अपना पक्ष रखा है। इसमें एसडीएम, आरपीसीबी के अधिकारियों और अन्य हस्ताक्षर है। इसमें प्लांट संख्या 2 के बाहर जो स्थिति बताई गई है वह लीकेज से पानी आना बताया गया है। साथ ही इनलेट बंद होने की बात भी कही गई है।

इनका कहना...

हम टर्सरी तकनीक तक तीन ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड कर रहे हैं। इसमें प्लांट संख्या चार, पांच और छह है। अब वित्तीय स्वीकृति जारी करना शेष है।

- अशोक लोढ़ा, सचिव, सीईटीपी ट्रस्ट पाली।