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कारगिल के रण में गरजे थे मारवाड़ व मगरा के वीर

-कारगिल युद्ध में मोहन काठात व भंवरसिंह हुए थे शहीद

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पाली

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Suresh Hemnani

Jul 26, 2022

कारगिल के रण में गरजे थे मारवाड़ व मगरा के वीर

कारगिल के रण में गरजे थे मारवाड़ व मगरा के वीर

Kargil Vijay Diwas 2022 : पाली/रायपुर मारवाड़/सोजत। कारगिल युद्ध से पाली जिले की मिट्टी की यादें भी जुड़ी है। युद्ध के मैदान में शहीद हुए रायपुर क्षेत्र में सोढ़पुरा नानणा के मोहन काठात की बेटी को उनका प्यार नहीं मिल पाने का जिंदगीभर मलाल रहेगा, लेकिन गर्व भी है कि वह वीर सैनिक की बेटी है। कारगिल में ही शहीद हुए सोजत क्षेत्र के भैंसाणा के भंवरसिंह जैतावत की कमी आज भी परिवार को खलती है, लेकिन पत्नी धाप कंवर व मां मोहर कंवर को नाज है कि भंवर सिंह ने नाम अमर कर दिया।

पिता का साया उठने के चौथे दिन जन्मीं बेटी
बकौल कमला, जेहन में पिता को मां की कोख में ही खो देने का मलाल तो है, लेकिन शहीद की बेटी कहलाने का गर्व ङ्क्षजदगी भर रहेगा। ये कमला जांबाज मोहन काठात की इकलौती बेटी है। सोढ़पुरा नानना निवासी मोहन काठात आठ मई 1999 को कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे। तब उनकी पत्नी शांति गर्भवती थी। सुहाग उजडऩे के चार दिन बाद 12 मई को पहली और आखिरी संतान कमला को जन्म दिया।

बिछड़ गया परिवार
शहीद के पिता बाबू काठात दुनिया छोड़ गए। मां फुंदी काठात गांव में अपने छोटे बेटे के साथ रहती है। जबकि पत्नी ब्यावर में रह रही है। सरकार ने एक पेट्रोल पंप व जमीन के बदले आर्थिक सहायता राशि दी। बेटी कमला को सरकारी नौकरी दी। कमला जालोर कलक्टर कार्यालय में एलडीसी है।

भैसाणा में आज भी गुणगान, मां को गुमान
भैंसाणा ग्राम में जन्मे भंवरङ्क्षसह जैतावत भारतीय थल सेना में आर्टिलरी युनिट 1889 लाइट रेजीमेंट में सूबेदार थे। जैतावत 1971 में थल सेना में भर्ती हुए थे। 12 जनवरी 1979 में ऑपरेशन अवरोध, 12 अप्रेल 1987 में ऑपरेशन ट्रिडेन्ट, 22 अगस्त 1991 में ऑपरेशन रक्षक में सेवा दी दी। 17 जून 1999 को करगिल में शहीद हो गए थे। भैसाणा में शहीद भंवरङ्क्षसह जैतावत को हजारों लोगों की उपस्थिति में जवानों ने राजकीय सम्मान के साथ हवा में फायर कर अंतिम सलामी दी थी।

परिवार को सम्मान
जैतावत के परिवार में पत्नी धाप कंवर, माता मोहर कंवर सहित उनकी तीन पुत्रियां मुनेश कंवर, संजू कंवर व नीरू कंवर तथा पुत्र भवानीङ्क्षसह जैतावत है। पत्नी धापकंवर को विशिष्ठ सेवा मेडल से नवाजा गया। पेट्रोल पम्प आवंटित कर पुत्र को नौकरी दी।

विद्यालय क्रमोन्नत
शहीद भंवरङ्क्षसह जैतावत के नाम पर भैंसाणा में विद्यालय को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किया था। मुख्य चौराहे पर शहीद जैतावत की प्रतिमा स्थापित की थी।