
इस सरकारी स्कूल के बारे में पढक़र चौंक जाएंगे आप
bangar school pali : पाली. दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो रास्ते बनते चले जाते है...। यह बात बांगड़ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य गजेन्द्र दवे पर सटीक बैठती है। वे जब पाली के सबसे बड़े बांगड़ स्कूल में प्रधानाचार्य बने तो स्कूल का नामांकन गिर रहा था। कक्षा-कक्ष (class room) पुराने होने के कारण जर्जर हो रहे थे। शिक्षा का स्तर भी बेहतर नहीं था। उन्होंने पहले शिक्षा का स्तर सुधारने की सोची और उच्च अधिकारियों के समक्ष कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं में अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं शुरू करने का प्रस्ताव रखा। जिसे मान लिया गया। इसके बाद जुलाई 2016 से यहां कक्षा ग्यारहवीं का अंग्रेजी (english) माध्यम स्तर शुरू हो गया। इसके बाद बारहवीं की अंग्रेजी माध्यम कक्षा शुरू की गई। इसके बाद नवमीं व दसवीं को भी इस सत्र में स्वीकृति मिली। अब ये कक्षाएं अगले सत्र से शुरू की जाएगी।
कक्षा में लगवाया एसी
इसे बाद स्कूल का भौतिक स्तर सुधारने का क्रम शुरू किया गया। जर्जर कक्षा कक्षों को भामाशाहों के सहयोग से नया बनाया गया। स्कूल के एक कक्ष को स्मार्ट कक्षा कक्ष के रूप में तैयार किया गया। भामाशाह ने इसमें एसी लगवाया। जिसमें आज बच्चे पढ़ते है।
अपनी बेटी को दिलाया प्रवेश
इस स्कूल में सिर्फ लडक़े पढ़ते थे। शिक्षकों के बच्चे भी नहीं पढ़ते थे। इस पर दवे ने अपनी बेटी को बांगड़ स्कूल में प्रवेश दिलाया। जो यहां से अच्छे अंकों से बारहवीं उत्तीर्ण कर आज अन्य शहर में अध्ययन कर रही है। इसके बाद स्कूल में कई अभिभावकों ने बच्चों (student) को निजी स्कूल से टीसी लेकर यहां प्रवेश दिलाया। आज स्कूल में नामांकन 837 से बढक़र 1254 हो गया है।
राज्य स्तर पर हुए सम्मानित
स्कूल के साथ चुनाव प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर की भूमिका निभाने पर दवे को सम्मानित किया जा चुका है। भामाशाह प्रेरक के रूप में भी राज्य स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है। यह सम्मान तो बांगड़ स्कूल (school) में करवाए कार्यों से मिला। इसके अलावा जिला स्तर, विज्ञान मेले में वार्ता देने और विज्ञान मेला आयोजन के लिए भी सम्मानित किया चुका है।
Published on:
06 Sept 2019 07:27 am
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