सूत्र बताते हैं कि नागौर ही नहीं भीलवाड़ा की स्पेशल टीम भी राजू उर्फ फौजी की तलाश में जुटी है। गत दस अप्रेल की रात मध्यप्रदेश से डोडा-चूरा तस्करी कर ला रहे तस्करों ने कोटड़ी और रायला थाना क्षेत्र में फायरिंग की थी। इस फायरिंग में कोटड़ी थाने के ओंकार रायका और रायला थाने के सिपाही पवन चौधरी की मौत हो गई थी। रायला थाने के पवन चौधरी को राजू उर्फ फौजी ने गोली मारी थी। राजू उर्फ फौजी तो वहां से भाग छूटा पर उस मामले में जोधपुर जिले के सुनील डूडी समेत ग्यारह जने गिरफ्तार हो चुके थे। नागौर पुलिस के अलावा आईजी अजमेर की स्पेशल टीम, एसओजी, एटीएस के साथ भीलवाड़ा पुलिस भी इनकी तलाश में जुटी है।
14 जून को कार में राजू उर्फ फौजी अपने दो साथियों के साथ जा रहा है, इस सूचना पर कई दिनों तक नाकाबंदी से पूरा नागौर जिला थम गया था। राजू पर हत्या के प्रयास समेत आम्र्स एक्ट का एक मामला मेड़ता थाने में 25 नवंबर 2017 को दर्ज हुआ था। वो तब से फरार है।
सूत्र बताते हैं कि भीलवाड़ा में राजू उर्फ फौजी की तलाश चल रही थी कि अचानक 14 जून को उसके कार से लाडनूं नाकाबंदी तोड़ते हुए जायल तक दिखी फिर गायब हुई और बाद में लावारिस हालत में कार तो मिली पर उसमें सवार बताए जाने वाले राजू उर्फ फौजी और उसके साथी गायब हो गए। अब सवाल यह भी उठ रहा है कि कार पाली के इस गांव से उठी या दी गई? फिलहाल पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।