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अनदेखी : प्रदेश की पहली फिल्म सिटी ने आकार लेने से पहले ही तोड़ा दम

-पाली जिले के सुमेरपुर के समीप कोलीवाड़ा-बलवना की सिवायचक भूमि पर प्रस्तावित थी शिल्पाली फिल्म सिटी

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पाली

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Suresh Hemnani

Oct 30, 2020

अनदेखी : प्रदेश की पहली फिल्म सिटी ने आकार लेने से पहले ही तोड़ा दम

अनदेखी : प्रदेश की पहली फिल्म सिटी ने आकार लेने से पहले ही तोड़ा दम

पाली/सुमेरपुर। राजस्थान में सत्ता बदलते ही योजनाएं दम तोडऩे लगी। वसुंधरा सरकार के समय 6 हजार करोड़ की प्रस्तावित जवाई पुनर्भरण योजना के साथ ही अब सुमेरपुर के समीप कोलीवाड़ा-बलवना की सिवायचक भूमि पर 250 करोड़ की लागत से बनने वाली शिल्पाली फिल्म सिटी दम तोडऩे लगी है। सरकार की ओर से योजना को ठंडे बस्ते में डालने से पर्यटन विकास का दावा भी अब हवा हवाई बनकर रह गया हैं।

भाजपा सरकार के समय तत्कालीन उप मुख्य सचेतक मदन राठौड़ के प्रयासों से जवाईबांध के निकट कोलीवाड़ा-बलवना की 569 बीघा सरकारी सिवायचक भूमि पर 250 करोड़ की लागत से शिल्पाली फिल्म सिटी प्रस्तावित थी। योजना को लेकर तत्कालीन जिला कलक्टर के निर्देश पर सुमेरपुर के तत्कालीन उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, भू-अभिलेख निरीक्षक, पटवारी, सहायक वन संरक्षक वन्य जीव उदयपुर, क्षेत्रीय वन अधिकारी व सर्वेयर वन्य जीव उदयपुर की टीम ने सिवायचक भूमि का अवलोकन किया था। सुमेरपुर से सटे कोलीवाड़ा व बलवना गांव की कुल 569 बीघा सरकारी सिवायचक भूमि पर फिल्म सिटी का निर्माण करना प्रस्तावित किया था। इसमें कोलीवाड़ा की 384 व बलवना की 185 बीघा भूमि का मौके पर जाकर मुआयना किया था। अधिकारियों ने यहां पर प्राकृतिक सौन्दर्य, नदी-नालों, पर्याप्त जलीय तंत्र, रेल, वायु व सडक़ मार्ग के आवागमन के साधन, संचार, सुरक्षा, वन्य जीवों व जलीय वनस्पतियों के साथ ग्रामीणों के रहन-सहन समेत अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली थी।

मुम्बई की कंपनी ने दिखाई थी रुचि
जवाईबांध परिक्षेत्र में हेरिटेज व अच्छी होटलें मौजूद हैं। एयरपोर्ट, स्टेशन व फोरलेन मार्ग से आवागमन में सुगमता है। जिला प्रशासन की पहल व प्रस्ताव के बाद तत्कालीन विधानसभा उप मुख्य सचेतक राठौड़ ने एक साल तक इस योजना पर कार्य किया। मुम्बई की बड़ी कंपनी रोमबोसस ने इस प्रोजेक्ट में अपनी दिलचस्पी दिखाई थी। कंपनी के राजेश चेतवाल के प्रस्ताव अनुसार फिल्मसिटी में लगभग 250 करोड़ का निवेश करना प्रस्तावित किया था। कंपनी को भूमि आवंटित करने का निर्णय सरकार पर छोड़ा था।

पूरी फिल्म सिटी सोलर एनर्जी से होनी थी संचालित
फिल्म सिटी की यह खासियत थी कि यह पूरी तरह सोलर एनर्जी से संचालित करने का निर्णय किया था। प्रदेश के टॉप फाइव में से एक सोलर प्लांट यहां लगना था। जिससे रात में भी पूरी फिल्म सिटी सोलर एनर्जी से जगमग रहेगी। प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने वाली कंपनी ने हैदराबाद की रामोजी राव फिल्मसिटी से भी बढकऱ बनाने का दावा किया था।

जवाई बांध के निकट इसलिए
पश्चिम राजस्थान के सबसे बड़े बांध जवाईबांध के निकट फिल्म सिटी के लिए आवश्यक सभी प्रकार की लोकेशन उपलब्ध हैं। एक ही जगह पानी, प्राकृतिक सौन्दर्य, हरियाली, पहाड़, मैदान व टीले उपलब्ध हैं। इसके समीप ही वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन हैं। डीएमआईसी कॉरीडोर भी निकट हैं। योजना सफल होने पर पर्यटन को बढावा मिलना था।

विधायक ने बताया-
फिल्मसिटी के लिए सुमेरपुर नगरपालिका ने भूमि का म्यूटेशन भी भर दिया था। इस संबंध मेें मुख्यमंत्री को कई बार पत्र भेजा। जिला कलक्टर से भी व्यक्तिगत मिलकर योजना के लिए बजट जारी करवाने के लिए राज्य सरकार से अनुशंसा करने की मांग की थी, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया। इस मामले को वे विधानसभा के विशेष सत्र में भी उठाएंगे। -जोराराम कुमावत, विधायक, सुमेरपुर