28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan Assembly Election: टैक्सटाइल पर मंदी की मार…ठप पड़ा कारोबार, सब्सिडी दे सरकार

Rajasthan Assembly Election 2023: बाड़मेर से पाली तक का सफर... मौसम पल-पल रंग बदल रहा था। चिलचिलाती धूप में बाड़मेर से रवाना हुआ। बीच रास्ते जोधपुर तक आंधियों ने घेरा तो सफर के समापन पर पाली-सुमेरपुर-तखतगढ़ में तूफानी बारिश और ओलों के साथ...देर रात तक चलना पड़ा।

3 min read
Google source verification

पाली

image

Akshita Deora

Jun 12, 2023

special_story_of_barmer_to_pali_.jpg

रतन दवे/पाली. Rajasthan Assembly Election 2023: बाड़मेर से पाली तक का सफर... मौसम पल-पल रंग बदल रहा था। चिलचिलाती धूप में बाड़मेर से रवाना हुआ। बीच रास्ते जोधपुर तक आंधियों ने घेरा तो सफर के समापन पर पाली-सुमेरपुर-तखतगढ़ में तूफानी बारिश और ओलों के साथ...देर रात तक चलना पड़ा। पाली के मंडिया रोड पर कपड़े के कारखाने हैं। यहां सडक़ की हालत खस्ता है, दिनभर के वाहनभार ने कागज के टुकड़ों की तरह सडक़ को बिखेर दिया है। पाली-भीलवाड़ा-बालोतरा ये तीनों एक दूसरे से जुड़े है, लेकिन इन दिनों मंदी की मार ने व्यापार को अस्त-व्यस्त कर दिया है। टैक्सटाइल व्यवसायी राजूभाई फोन पर यही चर्चा कर रहे थे कि भीलवाड़ा में आज कितनी मंदी है, पूछा तो बोले, हालत खराब है। मंदी ने मार दिया है। उनका कहना था कि ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 75 प्रतिशत राशि सरकार दे और 25 फीसदी व्यापारी, तभी प्रदूषण का संकट खत्म हो सकता है। पॉवरलूम के लिए महाराष्ट्र की तर्ज पर सब्सिडी भी मिले। टैक्सटाइल उद्योग में विपुल संभावनाएं है।

आगे बढकऱ कलेक्ट्रट पहुंचे, पाली अभी संभाग बना है। कलेक्ट्रेट में चहल-पहल कम थी, सारा प्रशासन मुख्यमंत्री की यात्रा के चलते राहत कैम्प में व्यस्त था। फिर भी, कुछ लोग यहां अफसरों का अता-पता पूछ रहे थे। यहां मिले दीपक नाग बोले, पाली को संभाग बनाने की खुशी है, अब यह मेट्रो की तर्ज पर विकसित होना चाहिए। रोजगार के और अवसर मिलें तो यह खुशी उपलब्धि में बदलेगी।
यह भी पढ़ें : सड़कें अच्छी, हवेलियां खास...पेयजल और सिंचाई परियोजनाओं से आस

जाडन : मजदूरी, गैस-बिजली और क्या चाहिए...
जाडन पहुंचे यहां स्टेशन पर कुल्फी का स्वाद ले रही कीर्तिका बैठी थी, तो पास में ही दोपहर की तेज धूप में मिर्चीबड़े-कचौरी भी तले जा रहे थे। मारवाड़ में भरपूर गर्मी में मिर्चीबड़े-कचौरी खूब खाए जाते है, वो भी गर्मागर्म। खैर, कीर्तिका बोली मनरेगा में मजदूरी मिली, गैस कनेक्शन मिला, बिजली मुफ्त और क्या चाहिए। पास में बैठे राणावास के नवरतन भाई बोले, बीपीएल की सूची वापस बने तो गैस कनेक्शन मिल जाए। निकट बैठे खाहड़ी के श्रवणपुरी को शिकायत है कि सरकार ने योजनाएं खूब चलाई, लेकिन पटवारी-ग्रामसेवक स्तर पर सुनवाई नहीं होती। कैमरे पर नहीं बोलूंगा, लेकिन बतात हूं... हाथ जोडकऱ जमीन पर बैठे-बैठे कमर टूट जाती है, पटवारीजी जवाब ही नहीं देते। बालाराम नायक सामने सडक़ की ओर इशारा करके बोले, सुख तो हाईवे का हुआ है। इसने दूरी कम कर दी है।

मारवाड़ जंक्शन : खारची इलाका यानी खारा पानी
दोपहर बाद यहां पहुंचा....खारची इलाका, यानी यहां पानी खारा है। रेलवे ओवरब्रिज नहीं होने से कस्बा दो भागों में बंटा है। सीसी सडक़ बन रही है, इसलिए रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और सरकारी कार्यालयों का रोड जाम है। यहां गणपत चौधरी मिले, जो ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं। वे बताते है करीब 100 किसानों का समूह बन गया है। खाद से जमीन खराब हो रही है, इसे लोग समझ रहे हैं। जवाई का मीठा पानी पूरा नहीं मिलता। लोग यहां 250-300 रुपए में पानी का टैंकर डलवाते है। गेहूं, अरण्डी और सरसों की फसल हो रही है। मेहंदी के भी खेत हैं। पानी का प्रबंध हो तो हालात सुधरें। यहां रेलवे कॉरिडोर बना है। मुम्बई, दिल्ली से डबलडेकर मालगाडिय़ां आती हैं। इससे रोजगार की संभावनाएं बढ़ी हैं। मारवाड़ की बड़ी समस्या डोडा-पोस्त तस्करी का रूट बन जाना है। इससे यहां कानून व्यवस्था को लेकर भय खत्म ही नहीं होता। जरूरत डिप्टी कार्यालय की है।
यह भी पढ़ें : शराब तस्करी...दहशतभरी गैंगवार विकास के साथ सुरक्षा की दरकार
स्मैक...न कोई रोकने वाला न टोकने वाला
जाते-जाते एक शख्स ने नाम बताने से इनकार करते हुए कहा, डोडा पोस्त नहीं अब तो स्मैक का जमाना आ गया है। न तो कोई रोकने वाला है न टोकने वाला। अंतिम वाक्य... वाकई सोचने पर मजबूर कर रहा था कि बाड़मेर,जालोर, पाली, सिरोही सभी जगह स्मैक का नशा परिवारों को तबाह कर रहा है।


चुनावों से जुड़ी अन्य खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...