
Rajasthan News: पाली जिले में पिछले साल बिपरजॉय तूफान से नदियां इठलाई थी। बांध हर्षाए थे। इस बाद इंद्र देव की प्रसन्नता से औसत बरसात की तुलना में 154 प्रतिशत अधिक पानी बरसा है। जिले में अगस्त की चार तारीख की रात से शुरू हुआ बरसात का दौर रुक-रुककर लगातार चला।
एक माह से अधिक समय तक मेघों के मल्हार गाने से हर तरफ पानी-पानी है। नदियां अभी तक बह रही है। जिले का सबसे बड़ा जवाई बांध शनिवार दोपहर दो बजे तक 51.45 फीट (4970.25 एमसीएफटी) पर पहुंच गया। बांध में पानी की आवक जारी है। वहीं दूसरा सबसे बड़ा बांध सरदारसमंद ओवरफ्लो चल रहा। जिले का हेमावास बांध भी शनिवार सुबह छलक गया।
पाली जिले में औसत से सबसे अधिक बरसात रायपुर तहसील में 232 प्रतिशत रही। यहां औसत 507.23 एमएम बरसात होती है। वहीं पाली तहसील में औसत से 200 प्रतिशत, बाली में 106, देसूरी में 131, मारवाड़ जंक्शन में 155, सोजत में 203, जैतारण में 185, रोहट में 131, सुमेरपुर में 122, रानी में 115 प्रतिशत पानी औसत से अधिक बरसा है।
जिले में सबसे अधिक बरसात 1179 एमएम रायपुर तहसील में हुई। इसी तरह पाली तहसील में 840 एमएम, बाली में 624, देसूरी में 844, मारवाड़ जंक्शन में 787, सोजत में 898, जैतारण में 907, रोहट में 556, सुमेरपुर में 693 व रानी तहसील में 618.50 एमएम बरसात हुई है।
सरदारसमंद, हेमावास, खारड़ा, रायपुर लूनी, मीठड़ी, ढारिया, बाणियावास, राजसागर चौपड़ा, बांडी नेहड़ा, गजनई, सादड़ी, गिरीनंदा, कंटालिया, गिरोलिया, सिरियारी, काणा, बाबरा, फुलाद, घोड़ादड़ा, राजपुरा, केसूली, कोट, सेली की नाल, लाटाड़ा, हरिओम सागर, जूना मलारी, वायद, पीपला, बोमादड़ा पिकअप वियर पर चादर चल रही है। वहीं तखतगढ़, मालपुरिया कानावास, साली की ढाणी पूरे भरे हैं।
बांध- बरसात (एमएम में)
जवाई- 744
सरदारसमंद- 821
हेमावास- 1238
रायपुर लूनी- 1020
खारड़ा- 875
Updated on:
15 Sept 2024 01:07 pm
Published on:
15 Sept 2024 01:06 pm
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