
पाली। मानपुरा कीरों की ढाणी में हर कोई गमजदा है। हर किसी की आंख नम है। आबूरोड-पालनपुर फोरलेन हाइवे पर हुए हादसे ने कीरों की ढाणी को गम दे दिया। हादसे में एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
यह परिवार अपने रिश्तेदारों को शोकसभा में ढाढस बंधाने जा रहा था। लेकिन, नियति को कुछ और ही मंजूर था। हादसे में चार जनों की मौत हो गई। तीन अर्थियां एक साथ उठीं। गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। बड़ी संख्या में लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
मातम का माहौल, घरों में नहीं जले चूल्हे
हादसे के कारण कीरों की ढाणी में चूल्हे तक नहीं जले। पूरे गांव में मातम का माहौल रहा। जब एंबुलेंस से शव उतारे गए तो परिवारों में रुदन फूट पड़ा। अंतिम संस्कार में शामिल होने आए लोगों ने जब गांव के तीन सदस्यों की अर्थियां एक साथ उठते देखी तो उनकी आंखें भी नम हो गई। श्मशान में तीनों का दाह संस्कार किया गया।
सूना हो गया दो बेटियों का संसार
तुलसाराम की भतीजी शनु के एक पांच वर्ष व दूसरी सात वर्ष की बेटी है। कीरों की ढाणी में उसका पीहर है। ससुराल मावल में है। पिंकी का अंतिम संस्कार उसके ससुराल में किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कुछ दिन पहले बाबा रामदेव मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव में पूरा परिवार हंसी-खुशी शामिल हुआ था। अब ये हादसा हो जाने से पूरा परिवार बिखर गया।
बच्चों के सिर से उठा साया
बुदाराम के छोटे पुत्र सुरेश कुमार की पत्नी पिंकी के दाह संस्कार के समय दोनों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। बच्चों के आंसू थमने का नाम नही ले रहे थे। आठ वर्षीय युवराज के आंखों की रोशनी नहीं है। पांच साल का नवीन भी बेसुध हो गया। अब पूरे परिवार की जिम्मदारी छोटे बेटे सुरेश पर आ गई। इधर, मृतक बुधाराम के एक पुत्र लक्ष्मण व पत्नी कन्यादेवी की हालत गंभीर हैं। उनका पालनपुर में उपचार जारी है।
Published on:
09 May 2023 03:10 pm
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