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नकदी जाने से पीडि़त परेशान, जिम्मेदार झाड़ रहे पल्ला

बैंक से चेक चुराकर दूसरी बैंक से 5.81 लाख की निकासी करवाने का मामला

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Stole check from clearing box

नकदी जाने से पीडि़त परेशान, जिम्मेदार झाड़ रहे पल्ला

पाली . दो बड़े बैंकों के कार्मिकों की लापरवाही ने एक ग्राहक को कर्ज के मुंहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है। उसके खाते में चेक के जरिए लाखों रुपए जमा होने थे, लेकिन इससे पहले ही बदमाशों ने दिनदहाड़े बैंक के क्लियरिंग बॉक्स से चेक चुरा लिया और उसके जरिए दूसरे बैंक से करीब छह लाख रुपए की राशि विड्रॉल भी कर ली। लेकिन, दोनों बैंक प्रबंधकों को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब पीडि़त बैंक पहुंचा तो राशि विड्रॉल होने का खुलासा हुआ। जबकि, उसके खाते में तो राशि आई भी नहीं थी। कोतवाली थाने में पीडि़त ने मामला दर्ज कराया तो पुलिस मंगलवार को दो आरोपियों को पकड़ कर लाई है। लेकिन, सवाल ये है कि आखिरकार उसकी मेहनत की राशि उसके खाते में कैसे आएंगी। कारण कि पुलिस आरोपियों को पकडऩे तक ही अपनी जिम्मेदारी समझती है।

दरअसल, शहर के भैरूघाट भलावतों का बास निवासी गणेशराम पुत्र कुनाराम बोराणा व ऋतिक सोलंकी के बीच लेन-देन चलता रहता है। ऋतिक ने गणेशराम को 5.81 लाख रुपए का अरबन बैंक का एकाउंट पै चेक दिया था। इस चेक को गणेश ने 04 जुलाई को सूरजपोल स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के क्लियरेंस बॉक्स में डाला था। चेक के पीछे अपना अपना नाम व मोबाइल नम्बर तक लिखा। दो दिन बाद भी खाते में राशि जमा होने का एसएमएस नहीं आया तो गणेश बैंक में पता करने पहुंचा। जानकारी मिली कि उसके खाते में किसी तरह की राशि चेक के जरिए जमा नहीं हुई है और ना ही बैंक को कोई चेक मिला। गणेश ने ऋतिक से संपर्क किया तो उसने बताया कि उसके खाते से दिए गए चेक का भुगतान हो चुका है। दोनों ने बैंक पहुंचकर पता किया तो सामने आया कि वह चेक किसी ने सोमनाथ मंदिर के पीछे स्थित अरबन बैंक से सेल्फ विड्रॉल किया है। इस पर सात जुलाई को गणेश ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया।

राशि रिकवरी को लेकर जिम्मेदारों के पास नहीं जवाब

अरबन बैंक - विभागीय स्तर पर चल रही जांच

अरबन बैंक पाली के प्रबंध संचालक फतेहसिंह ने बताया कि बैंक विभागीय स्तर पर जांच करवा रहा है। दोषी पाए जाने पर बैंककर्मी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने माना कि मामले में बैंककर्मी की लापरवाही रही है। लेकिन, उन्होंने जान बूझकर ऐसा नहीं किया।

बैंक ऑफ बड़ौदा - क्लियरिंग बॉक्स पर लगवाया है ताला

बैंक मैनेजर पी.सी. गोयल का कहना है कि जिस बैंक से राशि विड्राल हुई है, उनकी गलती है। उन्हें इतनी बड़ी रकम केस में देने से पहले एक बार एकाउंट होल्डर से बात करनी चाहिए थी। ऐसा करते तो शायद यह दुर्घटना नहीं होती। हमारे बैंक के क्लियरिंग बॉक्स पर ताला लगा दिया है।

कोतवाली पुलिस - राशि की रिकवरी में संशय

पुलिस -कोतवाल गंगाराम खावा का कहना है कि बदमाशों से राशि रिकवर करने का प्रयास करेंगे, लेकिन हकीकत यह है कि इससे पूर्व भी कई क्रेडिट सोसायटी संचालक ग्राहकों को लाखों रुपए का चुना लगाकर फरार हुए। कुछ मामलों में पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा, लेकिन राशि रिकवरी नहीं हो पाई।

पीडि़त गणेश - ...तो मैं कर्ज में डूब जाऊंगा

पीडि़त गणेश बोराणा का कहना है कि आर्थिक परेशानी के कारण उसने अपना भूखण्ड बेचा। उसके बदले ऋर्तिक ने एकाउंट पेय चेक दिया था। जो उसने बैंक ऑफ बड़ौदा सूरजपोल की शाखा के क्लियरिंग बॉक्स में डाला था। लेकिन बैंक प्रबंधन की लापरवाही से उसका चेक वहां से चोरी हो गया। बाद में बदमाश उसमें कांट-छांट कर सोमनाथ के पीछे स्थित अरबन बैंक की शाखा से इतनी बड़ी राशि केस में विड्राल कर ले गए। लेकिन, बैंक की ओर से उन्हें फोन तक नहीं किया। यह राशि रिकवर नहीं हुई तो मैं तो कर्ज में डूब जाऊंगा।