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रैगिंग का आरोप, मेडिकल कॉलेज में हंगामा, बाहर आए विद्यार्धी

-राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय पहुंचे छात्राओं के अभिभावक-रैगिंग से परेशान छात्रा का आरोप, सुसाइड कराने तक को कहा

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पाली

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Suresh Hemnani

Mar 16, 2021

रैगिंग का आरोप, मेडिकल कॉलेज में हंगामा, बाहर आए विद्यार्धी

रैगिंग का आरोप, मेडिकल कॉलेज में हंगामा, बाहर आए विद्यार्धी

पाली। राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय में सोमवार सुबह हंगामा हो गया। वहां मेडिकल विद्यार्थी कॉलेज भवन के बाहर एकत्रित होकर बैठ गए। मामला था एक द्वितीय वर्ष की छात्रा की ओर से तृतीय वर्ष की छात्राओं पर रैगिंग करने व मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाने का। पीडि़त छात्रा ने उसे सुसाइड कराने तक नहीं छोडऩे तक का आरोप लगाया। हालांकि इस मामले में कॉलेज प्रशासन ने रैगिंग से इनकार किया है। उनका कहना था कि मामला दो अलग-अलग वर्ष की छात्राओं के बीच आपसी तालमेल के अभाव का था।

कॉलेज की छह छात्राओं पर एक सत्र 2019 की छात्रा ने रैगिंग का आरोप लगाया। उन छह छात्राओं के अभिभावक भी सुबह कॉलेज पहुंच गए। प्रिंसिपल के कक्ष में अभिभावकों व पीडि़त छात्रा के बीच बातचीत हुई। पीडि़त छात्रा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ी रही। उसने यह आरोप भी लगाया कि अभिभावकों ने उसके साथ हाथापाई का प्रयास किया। दूसरी तरफ छह छात्राओं के अभिभावकों का कहना था कि रैगिंग जैसी कोई बात ही नहीं हुई है। उन्होंने छात्रावास अधीक्षक के उकसाने पर पीडि़त छात्रा के आरोप लगाने की बात कही। उनका कहना था कि उनकी बेटियों ने कॉलेज में आने पर वर्ष 2018 में छात्रावास अधीक्षक को हटाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। उस समय से छात्रावास अधीक्षक उनकी बेटियों से अच्छा व्यवहार नहीं कर रही।

अभिभावकों से बात कर ली, मामला सुलझ गया
छात्राओं में समझ की कमी है। हमने उनके अभिभावकों से भी बात की है। मामला सुलझ गया है। रैगिंग जैसी कोई बात नहीं है। जो छात्रा आरोप लगा रही है, वह वर्ष 2019 बैच की है। जबकि अभी 2020 के विद्यार्थी भी कॉलेज में है। जिन छात्राओं पर आरोप है। वे वर्ष 2018 सत्र के है। -डॉ. केसी अग्र्रवाल, नियंत्रक व प्रिंसिपल, राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, पाली

पीडि़त छात्रा ने यह लगाए गए आरोप
-सीनियर छह छात्राएं उसको अपने कक्ष में रात में बुलाती। उससे कपड़े धुलवाने के साथ अन्य कार्य करवाती थी।
-इस माह उस पर छात्राओं के अत्याचार बढ़ गए।
-छह छात्राएं कहती थी, हमारी बात मान लो, नहीं तो पांच साल यहां रहने तक नहीं देंगी।
-छात्राओं ने मित्रों को भी मेरे से बात करने से मना कर दिया, बॉयकाट किया।

इधर, छह छात्राओं के अभिभावकों का कहना
-बच्चियों ने किसी भी तरह से किसी छात्रा को परेशान नहीं किया।
-रैंगिंग होती तो एक छात्रा के साथ कैसे की जा सकती है।
-छात्रावास अधीक्षक के कहने पर पीडि़त छात्रा लगा रही है आरोप।