
पाली के बांगड़ अस्पताल में पहली बार 3-डी तकनीक से सर्जरी करते चिकित्सक
surgery with 3-D technology in Pali Rajasthan : पाली। पाली के बांगड़ मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में बुधवार को पहली बार 3-डी तकनीक से लेप्रोस्कोपी (दूरबीन शल्य चिकित्सा) की गई। वैसे अभी तक अस्पताल में 2-डी तकनीक से लेप्रोस्कोपी की जा रही है, लेकिन यह 3-डी तकनीक इतनी बेहतर है कि इसमें किसी तरह की तकलीफ होने की संभावना बहुत कम रह जाती है। शरीर में बनी गांठ आदि निकालने के लिए बड़ा चीरा आदि नहीं लगाना पड़ता है। इस तकनीक के प्रदर्शन के तहत जर्मनी की कार्ल स्टॉर्ज कम्पनी के सहयोग से अस्पताल में प्रिंसिपल व नियंत्रक डॉ. दीपक वर्मा, सहायक आचार्य डॉ. प्रभुदयाल, सह आचार्य डॉ. अनिल विश्नोई ने निश्चेतक डॉ. दिलीप व सह आचार्य डॉ. ओपी सुथार के साथ पांच ऑपरेशन किए। इन मरीजों को दो दिन में अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा।
आसानी से नजर आते है सभी पार्ट
3-डी तकनीक से सर्जरी करने पर शरीर के अंदर बनी गांठ या अन्य समस्या के साथ उसके आस-पास के पार्ट स्पष्ट नजर आते है। जबकि 2-डी से लेप्रोस्कोपी करने पर कई बार चिकित्सक को अंदाज लगाकर कार्य करना होता है। जिसमें इंजरी की संभावना रहती है।
करीब सात किलो की निकाली गांठ
3-डी तकनीक से एक 16 वर्ष की बालिका का ऑपरेशन कर करीब सात किलो की गांठ निकाली गई। वह अब स्वस्थ है। वहीं एक 65 वर्ष की महिला के भी रसोली का ऑपरेशन किया गया। इसके अलावा पित्त की थैली में पथरी के तीन मरीजों का ऑपरेशन किया गया।
मशीन के लिए कर रहे प्रयास
अभी 3-डी तकनीक से लेप्रोस्कोपी प्रयोगात्मक रूप से पहली बार पाली में की गई है। इस तकनीक से गायनिक सर्जरी बहुत बेहतर हो सकती है। इसकी मशीन काफी महंगी है। हम इसके लिए कलक्टर व राज्य सरकार से मशीन प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रहे है। मशीन मिलने की पूरी संभावना है। -डॉ. दीपक वर्मा, प्रिंसिपल व नियंत्रक, मेडिकल कॉलेज, पाली
Published on:
23 Jun 2022 12:43 pm
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