
सोजत में मेहंदी तैयार करता श्रमिक।
पाली. सोजत की मेहंदी अब अधिक राचणी होने वाली है। इसका कारण है शुद्ध हीना पाउडर पर 18 प्रतिशत की जगह सिर्फ 5 प्रतिशत जीएसटी करना। इसका फैसला 17 सितम्बर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित हुई 45वीं जीएसजी काउंसिल की बैठक में किया गया है।
राजस्थान में पाली जिले के सोजत, मारवाड़ जंक्शन, रायपुर और जैतारण में मेंहदी की खेती की जाती है। जिसकी आपूर्ति देश सहित अंतरराष्ट्रीय बाजारों में की जाती है। वर्ष 2017 में जीएसटी कर लागू होने के साथ ही शुद्ध मेहंदी पाउडर का वर्गीकरण चैप्टर 1404 के तहत किया गया था। जिसके तहत 5 प्रतिशत जीएसटी ही लगनी थी, लेकिन जोधपुर के जीएसटी कमिश्नर ने वर्ष 2019 में अधिसूचना जारी कर चैप्टर 3305 में 18 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाने के आदेश निकाल दिए। जिसके तुरंत बाद मेहन्दी पाउडर पर 18 प्रतिशत की दर से टैक्स के साथ बकाया राशि को ब्याज सहित चुकाने के नोटिस व्यापारियों को दिए जाने लगे।
केमिकल उत्पाद है शामिल
चेप्टर 3305 में केमिकल उत्पादों को सम्मिलित किया जाता है। जिसमें मेहंदी को शामिल कर दिया गया था। इसका कारण यह सामने आया था कि मेहंदी को एक केमिकल मिक्स उत्पाद माने जाने लगा था। इसके बाद मेहंदी के दाम भी प्रभावित हुए। जबकि वास्तव में मेहन्दी के पत्तों को पीसकर बिना कुछ मिक्स किए उसका उपयोग होता है।
लघु उद्योग भारती ने भी किए प्रयास
मेहंदी की जीएसटी को कम कराने के लिए लघु उद्योग भारती सोजत इकाई की ओर से भी प्रयास किए गए। सोजत इकाई ने मंत्री के साथ जीएसटी काउंसिल के ओम मित्तल से भी मुलाकात की थी। इकाई के तारकेश्वर मेहता, जयकिशन गर्ग, सुरेश सुराणा आदि ने जीएसटी कम होने से मेहंदी व्यवसाय को नया रूप मिलने की बात कही है। व्यापारियों में खुशी है।
वित्त मंत्री को लिखा था पत्र
मेहंदी व्यापारियों ने समस्या बताई थी। इस पर वित्त मंत्री को पत्र लिखने के साथ जीएसटी काउंसिल के अतिरिक्त सचिव एवं जोइंट सचिव से मुलाकात कर हकीकत बताई। इस अब महंदी की जीएसटी को कम किया गया है।
पीपी चौधरी, सांसद, पाली
Published on:
19 Sept 2021 07:00 am
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