
पाली.
देश के 685 जिलों में हर हाथ को काम देने के मकसद से चल रहे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम (महानरेगा) में 7.01 करोड़ परिवारों को दिसम्बर से नया जॉब कार्ड मिलेगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इसका प्रारूप तय कर लिया है। इसे सभी जिलों को भिजवाया गया है। जहां स्थानीय स्तर पर प्रिन्टिंग के बाद इसे मजदूरों में वितरित किया जाएगा। इसके लिए मंत्रालय ने सभी जिलों को दस दिसम्बर तक का वक्त दिया है। मंत्रालय यह कवायद गुड गवर्नेंस के लिए कर रहा है। पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में हर हाथ को काम मुहैया कराने के मकसद से महानरेगा योजना अस्तित्व में आई थी। इसके तहत चयनित जिलों के ग्रामीण इलाकों में रोजाना मजदूरी के बदले ग्रामीणों को नकद राशि का हस्तांतरण किया जा रहा है।
क्या है हालात
ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से इस योजनार्तंगत अब तक 12.57 करोड़ जॉब कार्ड इश्यू किए जा चुके हैं। इससे 25.15 करोड़ लोगों को रोजगार मिल चुका है। इनमें से 7.1 करोड़ जॉब कार्ड अभी अस्तित्व में है। इनसे 11.03 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है। कुल 225.28 करोड़ रुपए की इस योजना के तहत राजस्थान में 33 जिलों के 61.09 लाख जॉब कार्ड के जरिए 94.88 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है।
ऐसा होगा नया जॉब कार्ड
मंत्रालय की ओर से तय किए गए फॉरमेट में योजनार्तंगत दो तरह के जॉब कार्ड दिए जाएंगे। पहला सामान्य श्रेणी का तो दूसरा विशेष श्रेणी का होगा। महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम 2005 की अनुसूची 2 के पैरा 1 में वर्णित एकल महिला, निशक्त व्यक्ति, वृद्ध व्यक्ति, छोड़ा गया बंधुआ श्रमिक व विशिष्ट दुर्बल जनजाति विशेष श्रेणी में शामिल है। जॉब कार्ड का पहला पेज ग्लोसी पेपर पर छपेगा, जिसमें सामान्य श्रेणी के लिए नीली और विशेष श्रेणी के लिए हरी पट्टी होगी। इसके अंदरूनी पेज पर परिवार की जानकारी होगी। कवर के अंतिम पेज पर संबंधित जिलों के अधिकारियों के नम्बर होंगे। पूरा जॉब कार्ड बीस फोल्डेड शीटों का होगा।
Published on:
30 Nov 2017 02:43 pm
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