25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पन्ना के छत्रसाल कॉलेज का हाल: पीकदान बनी गैलरी, छात्राओं के लिए परिसर में घास बनी मुसीबत, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

बारिश के मौसम में जहरीले जीव-जंतुओं का भी बना रहता है खतरा

2 min read
Google source verification
Peakdan became gallery, grass became a problem for students in campus

Peakdan became gallery, grass became a problem for students in campus

पन्ना. जिले के सबसे बड़े छत्रसाल कॉलेज में साफ-सफाई व्यवस्था का समुचित ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इससे कॉलेज में जगह-जगह गंदगी दिखाई देती है। कॉलेज की गैलरी से लोगों ने पान गुटखा खाकर ऐसे थूका है कि पूरी की पूरी दीवार ही पीकदान जैसी दिखाई देने लगी है। वहीं गैलरी में लगे वाटर कूलर और बाहर बनी पानी टंकी के आसपास भी समुचित साफ-सफाई का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बालक और बालिका टॉयलेट के आसपास भी बड़ी-बड़ी घास उगी हुई है, जिससे बारिश के दिनों में यहां जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा बना रहता है।

जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा
गौरतलब है कि छत्रसाल कॉलेज जिले का सबसे बड़ा कॉलेज है। यहां जिलेभर से छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने के लिए आते हैं। इसके साथ ही यहां छात्र नेताओं का भी आना-जाना लगा रहता है। कॉलेज प्रबंधन द्वारा कॉलेज भवन के अंदर की साफ-सफाई पर तो ध्यान दिया जा रहा है पर पूरे परिसर में सफाई व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है। गैलरी में लगे वाटर कूलर के आसपास दूखने पर ऐसा लग रहा है कि यहां कई दिनों से फसई नहीं कराईगईहोगी।

पानी टंकी के पास कचरा
कॉलेज के प्रवेश द्वार में चबूतरे के दूसरी ओर पानी की टंकी बनी हुई है। इसे देखकर लगता है कि यहां हफ्तों से समुचित साफ-सफाई नहीं कराई गई है। इसके साथ ही टंकी के पास से बालक और बालिका टायलेट की ओर जाने वाले मार्ग में आसपास बड़ी-बड़ी घास उग आई है। इससे जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा बना रहता है।

टपक रही कॉलेज भवन की छत
छत्रसाल कॉलेज भवन की छत स्टॉफ कक्ष के पास और हिंदी विभाग से अगे जाने वाली गैलरी में बारिश के दौरान टपकती है। इसी तरह से कॉलेज के विज्ञान भवन की छत भी कई जगह से टपक रही है। कला भवन में हिंदी विभाग की गैलरी में कुछ सालों पूर्व लगाए गए टाइल्स उखड़ गए हैं। टाइल्स देखने पर ऐसा लगता है कि यह अभी पुराने नहीं हुए हैं, इसके बाद भी उखड़ गए हैं।