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सिंधिया के सामने लगे, पवई विधायक मुर्दाबाद के नारे

मुकेश नायक को आगामी विस चुनाव के लिये पार्टी प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद से आक्रोशित हैं स्थानीय कार्यकर्ता, स्थानीय प्रत्याशी की लंबे समय से की जा रही थी मांग।

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Slogans against pawai mla in front of sindhia

Slogans against pawai mla in front of sindhia

पन्ना. परिवर्तन यात्रा लेकर पन्ना पहुंचे मप्र चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने उस समय विषय परिस्थति खड़ी हो गई जब उनके ही कार्यकर्ताओं ने उनके निर्णय के खिलाफ नारेबजारी शुरू कर दी। उन्होंने अपका काफिला रोककर कार्यकर्ताओं को समझाया और इसके बाद वे कटनी के लिये रवाना हो गए।
गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार को परिवर्तन यात्रा लेकर जिले के पवई विस आए हुए थे। उन्होंने यहां एक सभा को संबोधित करने के साथ ही विधायक मुकेश नायक को आागामी विस चुनाव के लिये कांग्रेस की ओर से पार्टी के प्रत्याशी घोषित कर दिया। विस क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ता लंबे समस से स्थानीय प्रत्याशी की मांग कर रहे थे। स्थानीय लोगों की मांसा के विपरीत दमोह जिला निवासी मुकेश नायक को फिर कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित करने से विस क्षेत्र के नेता और कार्यकर्ता नाराज हो गए। सिंधिया के पवई में कार्यक्रम के समापन के बाद वे वापस कटनी लौट रहे थे।

इसी दौरान शाहनगर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले को रोक लिया। इस दौरान जहां एक ओर वे संधिया का स्वागत कर रहे थे वहीं दूसरी ओर उनके निर्णय के खिलाफ विधायक नायक के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। इसके बाद सिंधिया ने कार्यकर्ताओं को समझाइश दी और कटनी के लिये निकल गए।
सोसल मीडिया में वायरल किया गया वीडियो
नायक के खिलाफ शाहनगर में हुई नारेबजारी का वीडिय़ों चंद मिनटों में ही सोसल मीडिया में वायरल कर दिया गया। इससे यह विरोध प्रदर्शन पूर्व नियोजित भी लग रहा है। इसमें कांग्रेस के लोगों का भी हाथ हो सकता है। आगामी विस चुनाव जिस प्रकार से नजदीक आते जा रहे हैं उसी प्रकार से कांग्रेस में गुटबाजी भी खुलकर सामने आ रही है।

पार्टी के एक राष्ट्रीय स्तर के नेता के निर्णय के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने जिस प्रकार से बीच सडक़ में मुर्दाबाद के नारे लगाए हैं उससे निश् िचत रूप से भाजपाईयों को कहीं न कहीं आगे चलकर लाभ मिलेगा। हालांकि भाजपा की ओर से भी प्रत्याशी का निर्णय होने की स्थिति में इसी प्रकार के विरोध की आशंका जताई जा रही है। यहां स्थानीय प्रत्याशी की मांग को लेकर स्थानीय संघर्ष समिति के लोग एक साल से तैयारी कर रहे हैं। यह नारेबजारी उनके संघर्ष का असर भी हो सकती है।