
This method will be saved on snakebite.
पन्ना। मप्र के पन्ना जिले में हो रही बारिश के कारण जहरीले जीव-जंतुओं से लोगों की जान को खतरा भी उत्पन्न हो गया है। रोजाना कहीं ने कहीं जहरीले कीड़े के काटने से मौत का मामला सामने आ रहा है। इतना ही नहीं जिलेभर के स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की उपलब्धता के बाद भी लोग झाड़-फूंक का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में अंधविश्वास के कारण कई लोगों की असमय मौत हो रही है।
कई मामले सामने आए
बारिश के सीजन में भूमि में बिल बनाकर रहने वाले जीव-जंतुओं के बिलों में पानी भर जाने के कारण बाहर निकलकर सूखे स्थानों की ओर चले जाते हैं। ऐसी स्थिति में इंसानों के उनके मार्ग में आने पर वे डस लेते हैं। जिलेभर में अभी सर्पदंश के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला अस्पताल सहित सामुदयिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी स्नैक वेनम और एंटी रैबीज वेनम पर्याप्त मात्रा पहुंचाने का दावा किया जा रहा है।
यह करें उपाय
स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को सलाह दी गई है कि किसी भी जहरीले सांप व बिच्छू सहित अन्य के काटने व डसने पर झाड़-फूक कराने के बजाए संबंधित व्यक्ति को तुरंत समीप के अस्पताल तक पहुंचाएं। जिससे समय वर वैक्सीन लगाकर जीवन बचाया जा सके।
जागरुकता की कमी
गौरतलब है बारिश के सीजन में हर साल सर्प दंश सहित अन्य जहरीले जीव-जंतुओं के काटने व डसने से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते हैं। जागरुकता की कमी की वजह से देखने में आता है कि परिजन पीडि़त को अस्पताल पहुंचाने के बजाए झाड़-फूंक कराने में लग जाते हैं। इससे उसकी हालत ज्यादा बिगडऩे पर बचा पाना काफी मुश्किल होता है।
स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों का कहना है कि यदि पीडि़त को समय पर वैक्सीन उपलब्ध हो जाए तो बचा लिया जाता है। सर्पदंश पर समय महत्वपूर्ण होता है। पीडि़त को जितनी जल्दी वैक्सीन लग जाती है उतनी जल्दी बचाया जा सकता है। हालत गंभीर होने के बाद कई बार कई इंजेक्शन देने के बाद भी नहीं बचाया जा सकता है।
जिलेभर में तीन माह की जरूरत के अनुसार पर्याप्त संख्या में वैक्सीन का भंडारण पूर्व से करा दिया गया है। वैक्सीन लगाने के लिए जिलेभर के अस्पतालों में प्रशिक्षित स्टाफ है। जहरीले सांप आदि के डसने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाएं, जितनी जल्दी वैक्सीन मिल सकेगी उतनी जल्दी व्यक्ति के बचने के चांस बढ़ जाते हैं। झाड़ फूंक में नहीं पड़े।
डॉ. एल के तिवारी, सीएमएचओ
Published on:
13 Jul 2019 01:02 am
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