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Tiger Death in MP: क्या एमपी से छिन जाएगा टाइगर स्टेट का दर्जा? जानें क्यों बढ़ी ये चिंता…

Tiger Death in MP: टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में बाघों की मौत के मामले थमने के बजाय बढ़ते जा रहे हैं। इस साल 15 दिसंबर तक प्रदेश में 38 बाघों की मौत के मामले सामने आए हैं। इनमें से ज्यादातर मामले टेरिटोरियल फाइट के हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट के साथ ही टाइगर की मौतों के मामले में भी अव्वल हो चला है...

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Tiger Death in MP: प्रदेश में बाघों के सर्वाधिक घनत्व के लिए प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 11 बाघों की मौत हुई है। कान्हा टाइगर रिजर्व में आठ, पन्ना टाइगर रिजर्व में पांच, सतपुड़ा में दो और पेंच में एक बाघ की मौत हुई है। इनमें पन्ना टाइगर रिजर्व की लकवाग्रस्त बाघिन पी-234 के 10 माह के दो शावक भी शामिल हैं, जिनका बीते माह नर बाघ ने शिकार कर लिया था। इस साल 15 दिसंबर तक देश में 168 बाघों ने जान गंवाई है। 2022 में 121 की मौत हुई थी। 34 की मौत मप्र में और सबसे अधिक नौ बाघों की मौत बांधवगढ़ में हुई थी। 2021 में 127 बाघों की मौत हुई थी, जिसमें 42 मप्र के थे।

पन्ना में यह स्थिति
पन्ना टाइगर रिजर्व में कुल बाघ धारण क्षमता 34 वयस्क नर बाघ की है। यहां 64 नर बाघ हैं। अर्ध वयस्क, शावकों सहित संख्या 90 से 100 के बीच होने का अनुमान है। उत्तर वन मंडल में भी 13 वयस्क थे। बाघ बढ़ने के कारण टेरेटेरी के लिए सुरक्षित कोर जोन से निकल रहे हैं या फिर आपस में लड़ रहे हैं।

टाइगर स्टेट में इस साल गई 38 बाघों की जान, पिछले वर्ष से चार ज्यादा

प्रदेश में कहां-कितने बाघ
- बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व - 165
- कान्हा टाइगर रिजर्व - 129
- पेंच टाइगर रिजर्व - 123
- पन्ना टाइगर रिजर्व - 64
- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व - 62
- संजय दुबरी टाइगर रिजर्व - 20

MP में कितनी मौतें?

























वर्ष भारत मप्र
202316838
202212134
202112742

केंद्र की ओर से बीते साल 29 जुलाई को जारी बाघों की गिनती में सबसे ज्यादा 785 बाघ वाला राज्य होने का गौरव मप्र को मिला था। बाघ बढ़ने के साथ ही टेरिटोरियल फाइट आम बात हो गई है।
स्रोत: एनटीसीए (नेशनल टाइगरकंजर्वेशन अथॉरिटी) के अनुसार

कब और कहां हुई बाघों की मौत

- 2 जनवरी कान्हा टाइगर रिजर्व के अंदर
- 4 जनवरी पन्ना टाइगर रिजर्व के अंदर
- 11 जनवरी सिवनी के बाहर
- 12 जनवरी सतपुड़ा रिजर्व के अंदर
- 24 जनवरी कान्हा टाइगर रिजर्व के अंदर
- 24 जनवरी शहडोल का गोदावल के बाहर
- 31 जनवरी पन्ना टाइगर रिजर्व के अंदर
- 3 फरवरी – कान्हा टाइगर रिजर्व के अंदर
- 4 फरवरी – फीमेल उमरिया रेंज के बाहर
-3 मार्च – फीमेल बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंदर
- 12 मार्च – फीमेल संजय दुबरी नेशनल पार्क के अंदर
- 22 मार्च फीमेल कान्हा टाइगर रिजर्व के अंदर
- 30 मार्च फीमेल कान्हा टाइगर रिजर्व के अंदर
- 1 अप्रैल बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंदर
- 3 अप्रैल मेल बांधव टाइगर रिजर्व के अंदर
- 5 अप्रैल फीमेल का कान्हा टाइगर रिजर्व के अंदर
- 7 मई बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंदर
- 9 मई पेंच टाइगर रिजर्व के अंदर
- 17 मई शहडोल नॉर्थ इलाके में बाहरी एरिया
- 18 मई फीमेल बांधवगढ़ के अंदर
- 22 मई पन्ना टाइगर रिजर्व के अंदर
- 4 जून मेल बालाघाट
-17 जून फीमेल कान्हा नेशनल पार्क के अंदर
- 17 जून मेल नौरादेही अभ्यारण
- 6 जून अब्दुल्लागंज
- 26 जून सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
- 16 अगस्त फीमेल बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंदर
- 21 जुलाई मानपुर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंदर
- 8 अगस्त मंडला सिवनी के बाहर
- 9 अगस्त फीमेल बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंदर
- 31 अगस्त कान्हा नेशनल पार्क के अंदर
- 15 अक्टूबर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंदर
- 20 अक्टूबर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंदर
- 27 अक्टूबर चित्रकूट फॉरेस्ट डिविजन के बाहर
- 1 नवंबर छिंदवाड़ा सर्कल के अंदर
- 8 नवंबर पन्ना टाइगर रिजर्व के अंदर
- 15 नवंबर शहडोल जैतपुर रेंज के अंदर।

प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ी है। इससे टेरिटोरियल फाइट की घटनाएं सामने आती हैं। प्रदेश में बाघों का सबसे ज्यादा घनत्व बांधवगढ़ में है, इसलिए वहां से टेरिटोरियल फाइट के मामले ज्यादा आते हैं। भोपाल के आसपास भी इस तरह के मामले आ रहे हैं। अभी औबेदुल्लागंज में भी टेरिटोरियल फाइट में एक बाघ की मौत का मामला सामने आया है।

- बृजेंद्र झा, फील्ड डायरेक्टरपन्ना टाइगर रिजर्व