मेरे मम्मी-पापा को बुला दो, प्लीज :इस दौरान आइजी सागर रेंज अनुराग और संभागायुक्त मुकेश शुक्ला शौकाकुल परिवारों से मिलने पवई विकासखंड के अंतर्गत बुद्ध सिंह साटा गांव पहुंचे। संभागायुक्त जब पीड़ित परिवार को सांत्वना दे रहे थे, तभी माता-पिता को खो चुकी एक महिला जोर-जोर से रोते हुए उनके पास पहुंची, जिसने बिलखती हुई आवाज में कहा कहा कि, आप किसी तरह मेरे माता-पिता को ला दो... प्लीज। महिला के शब्दों से निकले दर्द का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, इसके बाद वहां मौजूद हर एक शख्स फूट-फूटकर रोने लगा। इस पर कमिश्नर और आइजी ने ढांढस बंधाते हुए उन सभी लोगों की तकलीफ बांटने का प्रयास किया।
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बुद्ध सिंह साटा गांव में एक साथ उठीं 8 अर्थियां, पूरा गांव था शव यात्रा में शामिल
आपको बता दें कि, बस हादसे में जान गवाने वाले 26 तीर्थ यात्रियों में से 25 सिर्फ पन्ना जिले के ही हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा मृतक बुद्ध सिंह साटा गांव के हैं। इस गांव के 8 लोगों ने अपनी जान गवाई है। मंगलवार को जब गांव में एक साथ अर्थियां उठीं तो पूरा गांव उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुआ। इसके अलावा मोहेंद्रा गांव से 6 और पवई क्षेत्र से 4 तीर्थ यात्रियों की मौत हुई है। सिमरिया, कोनी और पंडवन से 2-2 तीर्थ यात्रियों के साथ करहटा से 1 तीर्थ यात्री की जान गई है।
विलाप, सिसकियां और मातम
पन्ना जिले के गांव बुद्ध सिंह साटा, सिमरिया, पंडवन, मोहेंद्रा, पवई, कुंवरपुर, कोनी, ककरहटा व चिखला और छतरपुर जिले के गांव बिजावर में जब देर रात मृतकों के शव पहुंचे तो दिनभर से किसी तरह आंसुओं पर काबू रखे स्वजन बिलख पड़े। हर ओर विलाप और सिसकियां वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर रही थीं।