
(पटना): पंजाब के अमृतसर में रेल पटरियों पर खडे रहकर रावण दहन देखते हुए लोगों को ट्रेन के कुचल देने की घटना में बिहार की रेखा देवी की कहानी कुछ जुदा है। दैवयोग से रेखा,उनके पति और बच्चे बच गए। ट्रेन द्वारा लोगों को कुचले जाने की घटना के दौरान रेखा भी पटरियों के तीन जौडे में से पहले पर खडी थीं। रेखा को झटका लगा और पटरी के नजदीक ही गिरने से अचेत हो गई। बाद में रेखा को अस्पताल में होश आया तो सामने पति और बच्चों को चुस्त और तंदुरूस्त देखकर राहत की सांस ली। जहां रेखा को परिवार के सुरक्षित बचने से राहत मिली वहीं अपने करीबी मित्रों को खो देने का गम भी मिला।
रेखा के सिर में पांच टांके लगे है लेकिन पति और पांच बच्चों को कोई चोट नहीं आई। बिहार के बावलपुर की रेखा अपने पति और पुत्र सागर,पुत्रियों खुशी,ज्योति,करिश्मा और करूणा के साथ जोडा फाटक के करीब पहली पटरी पर खडी थी। रेखा ने देखा कि पीछे की पटरी से हावडा एक्सप्रेस धीमी गति से गुजर गई। इसके एक मिनट बाद ही मैंने झटका महसूस किया और पटरी पर गिर गई। मैं अचेत हो गई। इसके बाद होश आने पर मेरे परिवार ने बताया कि मैं रेल पटरी के करीब गिर पडी थी। मुझे एक निजी अस्पताल में लाया गया जहां मैं होश में आई। होश में आने पर मैंने सबसे पहले अपने परिवार को चुस्त और तंदुरूस्त हालत में देखा तो मुझे राहत मिली।
रेखा देवी के पति अमृत टाकीज के टिकट बेचने का काम करते है। रेखा देवी के चेहरे पर राहत,गुस्सा और दुख के भाव आते-जाते दिखाई दे रहे थे। रेखा ने कहा कि मुझे बिहार निवासी हमारे करीबी मित्रों की भी चिंता है। इनमें से दो मारे गए और एक घायल हुए है।
Published on:
22 Oct 2018 05:23 pm
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