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बिहार के शिक्षकों को सरकार का अल्टीमेटम, 31 दिसंबर तक नहीं किया ये काम तो रुकेगी जनवरी की सैलरी

Bihar Teacher News: बिहार सरकार ने राज्य के लगभग छह लाख सरकारी शिक्षकों को सख्त अल्टीमेटम दिया है। अगर कोई भी शिक्षक 31 दिसंबर तक अपनी चल और अचल संपत्ति की जानकारी जमा नहीं करता है, तो उसकी जनवरी की सैलरी रोक दी जाएगी।

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पटना

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Anand Shekhar

Dec 26, 2025

bihar teacher news

teacher salary (फोटो सोर्स : AI जेनरेटेड)

Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग ने सख्त निर्देश जारी कर दिया है। राज्य के करीब 81 हजार सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले लगभग छह लाख शिक्षकों को अब अपनी चल और अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा देना अनिवार्य होगा। विभाग ने साफ कर दिया है कि जो शिक्षक 31 दिसंबर तक संपत्ति विवरण जमा नहीं करेंगे, उनका जनवरी महीने का वेतन रोक दिया जाएगा।

किस-किस पर लागू होगा आदेश

शिक्षा विभाग के आदेश के दायरे में सरकारी स्कूलों के सभी कोटि के शिक्षक शामिल हैं। इसमें प्रधानाध्यापक, विशिष्ट शिक्षक, विद्यालय अध्यापक और नियोजित शिक्षक सभी आते हैं। यानी प्रारंभिक विद्यालय से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूल तक पढ़ाने वाले हर शिक्षक को संपत्ति का ब्योरा देना होगा। विभाग का कहना है कि अब किसी भी श्रेणी के शिक्षक को इस नियम से बाहर नहीं रखा गया है।

क्यों जरूरी हुआ संपत्ति का ब्योरा

दरअसल, यह पूरा आदेश बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसायटी के निर्देश के तहत जारी किया गया है। मिशन के अनुसार राज्य के समूह ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ के सभी अधिकारी और कर्मचारी को 31 दिसंबर 2025 की स्थिति के अनुसार अपनी चल-अचल संपत्ति और दायित्वों का विवरण देना अनिवार्य है। सरकारी शिक्षक भी इन्हीं श्रेणियों में आते हैं, इसलिए उनसे भी यह जानकारी मांगी जा रही है।

कैसे और किस फॉर्मेट में देना होगा विवरण

शिक्षा विभाग ने संपत्ति घोषणा जमा करने का तरीका भी साफ कर दिया है। शिक्षकों को अपनी चल और अचल संपत्ति और सभी देनदारियों का विवरण सादे A4 साइज के कागज पर देना होगा। यह घोषणा कंप्यूटर पर टाइप की जानी चाहिए और संबंधित अटैचमेंट के साथ कुल तीन पेज की होनी चाहिए। हर पेज के नीचे शिक्षक के हस्ताक्षर जरूरी हैं। बिना हस्ताक्षर वाली या अधूरी जानकारी वाली घोषणाओं को मान्य नहीं माना जाएगा।

नियोजित शिक्षकों के लिए भी बदले नियम

पहले केवल नियमित वेतनमान वाले राज्यकर्मी शिक्षकों को ही संपत्ति का ब्योरा देना पड़ता था। लेकिन पिछले दो वर्षों में बिहार में बीपीएससी के माध्यम से कक्षा एक से 12 तक के लिए दो लाख से अधिक नए शिक्षक नियुक्त हुए हैं। इसके अलावा लगभग ढाई लाख नियोजित शिक्षक विशिष्ट शिक्षक बन चुके हैं। जिन्हें अभी तक विशिष्ट शिक्षक का दर्जा नहीं मिला है, उन्हें भी अब संपत्ति का ब्योरा देना होगा। विभाग का कहना है कि सक्षमता परीक्षा के बाद नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल चुका है, इसलिए अब वे भी इस नियम के दायरे में आएंगे।

वेतन रोकने की चेतावनी

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि संपत्ति विवरण जमा करने के बाद ही जनवरी महीने का वेतन जारी किया जाएगा। 31 दिसंबर की समय-सीमा के बाद किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।