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करोड़ों की संपत्ति, कैश, सोना-चांदी, डॉलर… 2025 में विजिलेंस ने IAS से DSP तक 30 से अधिक भ्रष्ट अफसरों को पकड़ा

Bihar News: 2025 में बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई सामने आई है। विशेष निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने इस साल कुल 27 प्राथमिकी दर्ज की है और 30 से अधिक अफसरों पर कार्रवाई की है। जिनमें जिला शिक्षा पदाधिकारी, परिवहन अधिकारी, अंचलाधिकारी, इंजीनियर, पुलिस अफसर, बीडीओ से लेकर विधायक और पूर्व विधायक तक शामिल हैं।

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पटना

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Anand Shekhar

Dec 26, 2025

bihar news

सांकेतिक तस्वीर (फोटो -AI)

Bihar News:बिहार में अब तक भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ी और सख्त कार्रवाई 2025 में हुई है। बिहार स्पेशल विजिलेंस इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ने पिछले पांच सालों (2021-2025) की अपनी कार्रवाई रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि 2025 में 30 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कुल 27 मामलों में केस दर्ज किए गए, जो अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है। इन मामलों में आय से अधिक संपत्ति और रिश्वत (ट्रैप केस) दोनों शामिल हैं।

IAS से DSP तक आए रडार में

इन ऑपरेशनों में जिला शिक्षा अधिकारी, परिवहन अधिकारी, सर्किल अधिकारी, DSP, IAS अधिकारी, इंजीनियर और यहां तक ​​कि कई पूर्व और मौजूदा अधिकारी भी विजिलेंस विभाग की पकड़ में आए। विजिलेंस के महानिदेशक जितेंद्र सिंह गंगवार के नेतृत्व में चलाए गए इस ऑपरेशन को पिछले पांच सालों में सबसे प्रभावी माना जा रहा है। इन छापों में करोड़ों रुपये कैश, बड़ी मात्रा में सोना और चांदी, विदेशी मुद्रा (डॉलर), महंगी अचल संपत्तियों के दस्तावेज और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए।

पिछले 5 साल में हुई कार्रवाई

वर्षआय से अधिक संपत्तिट्रैप केसकुल
2021060006
2022140317
2023020103
2024020507
2025151227
कुल392160

आय से अधिक संपत्ति के 15 मामलों का खुलासा

2025 में दर्ज किए गए 27 मामलों में से 15 आय से अधिक संपत्ति से जुड़े थे। साल की शुरुआत में, बेतिया में जिला शिक्षा अधिकारी रजनीकांत प्रवीण के घर से 3.55 करोड़ रुपये कैश और लगभग 2.75 करोड़ रुपये के जमीन के दस्तावेज बरामद होने से प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया। कुछ हफ्ते बाद, नालंदा में जिला परिवहन अधिकारी अनिल कुमार दास के घर से लगभग 2 करोड़ रुपये के सोने, चांदी और हीरे के गहने बरामद किए गए।

IAS संजीव हंस पर भी लगे आरोप

अप्रैल में, सर्किल अधिकारी प्रिंस राज के खिलाफ कार्रवाई और भी चौंकाने वाली थी, क्योंकि न सिर्फ आय से अधिक संपत्ति मिली, बल्कि उनका मैट्रिक का सर्टिफिकेट भी फर्जी निकला। इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय की एक रिपोर्ट के आधार पर, IAS अधिकारी संजीव हंस और अन्य पर सरकारी धन के गबन और रिश्वत के गंभीर आरोप लगाए गए।

विधायक और वरिष्ठ अधिकारी भी नहीं बख्शे गए

मई 2025 में, विजिलेंस की कार्रवाई से राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया, जब पूर्व विधायक अरुण यादव और विधायक किरण देवी के खिलाफ उनकी जानी-मानी इनकम के सोर्स से ज्यादा, 36.65 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति रखने का मामला दर्ज किया गया। इसके बाद, कटिहार की पब्लिक ग्रीवेंस रिड्रेसल ऑफिसर श्वेता मिश्रा, पटना के तत्कालीन DFO सुबोध कुमार गुप्ता, CID DSP अभय प्रसाद यादव और जहानाबाद के DSP संजीव कुमार पर भी करोड़ों रुपये की संपत्ति जमा करने का आरोप लगा।

इन छापों में न सिर्फ कैश, बल्कि अमेरिकी डॉलर, सोने के गहने, बहुमंजिला इमारतें, ट्रक, बैंक अकाउंट और विवादित ज़मीन से जुड़े दस्तावेज भी मिले। मुजफ्फरपुर में शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय उप निदेशक बीरेंद्र नारायण के मामले में, जांच एजेंसियां ​​18 बैंक अकाउंट और 25 जमीन के कागजात देखकर हैरान रह गईं।

रिटायर्ड अधिकारी और इंजीनियर भी जांच के दायरे में

साल के आखिरी महीनों में, विजिलेंस की कार्रवाई और तेज हो गई। वित्त विभाग के अधिकारी मुमुक्षु कुमार चौधरी, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर तरणी दास और एक्साइज सुपरिटेंडेंट अनिल कुमार आजाद के खिलाफ करोड़ों रुपये की संपत्ति रखने के मामले दर्ज किए गए। तरणी दास के घर से 8.57 करोड़ रुपये कैश मिलने से यह साफ हो गया कि रिटायरमेंट के बाद भी भ्रष्टाचार की परतें अभी खुलनी बाकी हैं। दिसंबर में, भवन निर्माण विभाग के निदेशक गजोधर मंडल के खिलाफ भी 2.82 करोड़ रुपये की बेहिसाब संपत्ति का मामला दर्ज किया गया।

रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए

2025 में, विजिलेंस विभाग ने खुद को सिर्फ संपत्ति की जांच तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि 12 अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। इन ट्रैप केस में बागवानी विभाग, शिक्षा विभाग, बिजली विभाग, पुलिस, राजस्व कार्यालयों और ब्लॉक स्तर के अधिकारी शामिल थे। 7,000 से 1.5 लाख रुपये तक की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तारियां की गईं, जिससे यह साबित होता है कि भ्रष्टाचार निचले से लेकर ऊपरी स्तर तक हर जगह फैला हुआ है।

कब हुई कौन सी कार्रवाई

  • 22 जनवरी 2025 को विजिलेंस ने बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के यहां छापेमारी कर 3.55 करोड़ नकद और 2.75 करोड़ की जमीन के कागजात बरामद किए।
  • 6 मार्च 2025 को नालंदा के जिला परिवहन पदाधिकारी अनिल कुमार दास के घर से करीब 2 करोड़ मूल्य के सोना-चांदी और हीरे के आभूषण मिले।
  • 15 अप्रैल 2025 को अंचलाधिकारी प्रिंस राज पर 28 लाख आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज हुआ, छापेमारी में उनका मैट्रिक सर्टिफिकेट भी फर्जी निकला।
  • 30 अप्रैल 2025 को रिशु श्री को सरकारी ठेकों में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी बनाया गया। उसी केस में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर ठेकेदारी में हेराफेरी और रिश्वत देने के आरोप लगे।
  • 8 मई 2025 को पूर्व विधायक अरुण यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया। उसी दिन वर्तमान विधायक किरण देवी पर भी 36.65 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज हुआ। इस बड़े राजनीतिक भ्रष्टाचार मामले में राजीव कुमार रंजन को सह-आरोपी बनाया गया। वहीं दीपु कुमार को भी इसी केस में आरोपी बनाया गया।
  • 3 जून 2025 को कटिहार की लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्वेता मिश्रा पर 80 लाख आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हुआ। छापेमारी में श्वेता मिश्रा के घर से 22.44 लाख नकद बरामद किए गए।
  • 23 जून 2025 को पटना के तत्कालीन संभागीय वन पदाधिकारी सुबोध कुमार गुप्ता पर 1.54 करोड़ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज हुआ। छापेमारी में सुबोध गुप्ता के यहां डॉलर और सोने के जेवरात भी मिले।
  • 9 जुलाई 2025 को CID के डीएसपी अभय प्रसाद यादव पर 1 करोड़ से अधिक आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया।
  • 8 अगस्त 2025 को जहानाबाद के डीएसपी संजीव कुमार पर 1.52 करोड़ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज हुआ। जांच में सामने आया कि संजीव कुमार के पास G+4 कमर्शियल बिल्डिंग और 11 ट्रक हैं।
  • 10 सितंबर 2025 को तिरहुत प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक बीरेंद्र नारायण पर 3.25 करोड़ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हुआ। छापेमारी में उनके 18 बैंक खाते और 25 जमीन के दस्तावेज मिले।
  • 7 अक्टूबर 2025 को विद्युत कार्यपालक अभियंता प्रणव कुमार पर 1.59 करोड़ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज हुआ।
  • 20 नवंबर 2025 को मुमुकक्षु कुमार चौधरी, वित्त विभाग बिहार सरकार के खिलाफ विजिलेंस केस दर्ज हुआ।
  • 20 नवंबर 2025 को तरनी दास, सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता BCD के खिलाफ करोड़ों की बरामदगी के बाद प्राथमिकी हुई।
  • 22 नवंबर 2025 को अनिल कुमार आज़ाद, उत्पाद शुल्क अधीक्षक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति पर केस दर्ज किया गया।
  • 15 दिसंबर 2025 को गजाधर मंडल, भवन निर्माण विभाग के निदेशक के खिलाफ विजिलेंस ने प्राथमिकी दर्ज की।
  • 17 जनवरी 2025 को उद्यान विभाग के सहायक निदेशक शशांक कुमार और अधिकारी अरविंद झा को 7,000 रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया।
  • 9 मई 2025 को दीदारगंज के ASI अभिनंदन कुमार को 10,000 रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
  • 27 मई 2025 को अररिया के BDO रितम कुमार चौहान और एकाउंटेंट आदित्य प्रियदर्शी को 1.50 लाख रिश्वत लेते पकड़ा गया।
  • 27 मई 2025 को ही जहानाबाद के सहायक जिला शिक्षा पदाधिकारी लक्ष्मण यादव 50,000 रिश्वत लेते पकड़े गए।
  • 23 जून 2025 को नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार को 20,000 रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
  • 3 जुलाई 2025 को खगड़िया के विद्युत कार्यपालक अभियंता गोपाल कुमार 75,000 रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए।
  • 10 जुलाई 2025 को पटना के जिला शिक्षा कार्यालय के प्रधान लिपिक आलोक वर्मा को 1 लाख रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
  • 13 अगस्त 2025 को रवि राज और स्वाति चौरसिया, अरवल में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए।
  • 17 सितंबर 2025 को रवि कुमार, राजस्व कर्मचारी मुजफ्फरपुर के खिलाफ ट्रैप केस दर्ज हुआ।
  • 24 सितंबर 2025 को राजा करीम, कनीय अभियंता सीवान के खिलाफ रिश्वत केस दर्ज किया गया।
  • 26 सितंबर 2025 को अजय कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक को घूस लेते पकड़ा गया।
  • 31 अक्टूबर 2025 को अररिया के कंप्यूटर ऑपरेटर योगेश कुमार चौधरी को 10,000 रिश्वत लेते विजिलेंस ने पकड़ लिया।