
Cold wave warning issued by IMD
Bihar Weather: बिहार में मौसम अब धीरे-धीरे करवट लेता नजर आ रहा है। भले ही अभी कड़ाके की ठंड ने पूरी तरह दस्तक न दी हो, लेकिन दिन-रात के तापमान में हो रहे बदलाव साफ संकेत दे रहे हैं कि सर्दी का असर तेज होने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार से पछुआ हवाओं के सक्रिय होने के साथ ही राज्य के कई जिलों में ठंड और कोहरे का डबल अटैक देखने को मिलेगा। अगले कुछ दिनों में न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस तक गिरने की संभावना जताई गई है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अब तक पुरवा हवा के कारण तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं हो रही थी, लेकिन हवा का रुख बदलते ही रात और सुबह की ठंड तेजी से बढ़ेगी। पछुआ हवा के प्रभाव से वातावरण शुष्क रहेगा, जिससे पारा तेजी से लुढ़क सकता है। खासकर उत्तर बिहार और सीमावर्ती जिलों में इसका असर ज्यादा महसूस किया जाएगा।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले सात दिनों तक बिहार के कई हिस्सों में मध्यम से घना कोहरा छाया रह सकता है। पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, सारण, बक्सर, गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में सुबह-सुबह विजिबिलिटी 50 मीटर तक सिमटने की आशंका है। कोहरे के कारण सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ सकती है और रेल व हवाई सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।
राजधानी पटना में फिलहाल मौसम थोड़ा राहत भरा रहा है। रविवार को अधिकतम तापमान 25.9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 14.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि यह राहत ज्यादा दिन टिकने वाली नहीं है। आने वाले दिनों में पटना समेत आसपास के जिलों में भी रात का तापमान तेजी से नीचे जा सकता है।
पिछले 24 घंटे के आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में न्यूनतम तापमान 8.0 डिग्री सेल्सियस किशनगंज में रिकॉर्ड किया गया, जो फिलहाल सबसे ठंडा जिला रहा। वहीं अधिकतम तापमान 29.2 डिग्री सेल्सियस मोतिहारी में दर्ज हुआ।
मौसम विभाग ने बताया है कि पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में सक्रिय नया पश्चिमी विक्षोभ 17 दिसंबर के बाद बिहार के मौसम को और प्रभावित करेगा। इसके असर से 22 दिसंबर के बाद शीतलहर, कोल्ड डे और कड़ाके की ठंड जैसी स्थिति बनने की आशंका है। उस दौरान दिन का तापमान भी सामान्य से नीचे जा सकता है।
ठंड के साथ-साथ वायु प्रदूषण भी चिंता बढ़ा रहा है। पटना समेत कई शहरी इलाकों में AQI 151 से 333 के बीच दर्ज किया गया है, जो खराब से बेहद खराब श्रेणी में आता है। ठंडी और स्थिर हवा के कारण प्रदूषक कण वातावरण में ज्यादा देर तक टिके रह सकते हैं, जिससे सांस से जुड़ी परेशानियां बढ़ने की आशंका है।
Updated on:
15 Dec 2025 07:46 am
Published on:
15 Dec 2025 07:45 am
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