scriptभोजपुरी सिनेमा के लिए कैसा रहा साल 2018 | How was the year 2018 for Bhojpuri cinema | Patrika News

भोजपुरी सिनेमा के लिए कैसा रहा साल 2018

locationपटनाPublished: Dec 29, 2018 03:25:35 pm

Submitted by:

Gyanesh Upadhyay

टॉप भोजपुरी फिल्म स्टार हुए खेसारीलाल और दिनेशलाल को मिली कड़ी टक्कर

भोजपुरी सिनेमा

भोजपुरी सिनेमा के लिए कैसा रहा साल 2018

पटना। साल 2018 भोजपुरी सिनेमा के लिए संघर्ष का साल रहा, बड़े सितारे भी अपनी फिल्म को हिट कराने के लिए लड़ते नजर आए। ऐसे कठिन समय में वर्ष 2018 में खेसारीलाल यादव भोजपुरी सिनेमा के सबसे बड़े स्टार रहे। खेसारीलाल की 7 फिल्में रिलीज हुईं और उन्होंने फिल्म के अलावा एक गायक के रूप में भी अच्छी कमाई की।
भोजपुरी में सुपरस्टार रहे मनोज तिवारी आजकल राजनीति में व्यस्त हैं, तो दूसरे सुपरस्टार रवि किशन का ध्यान हिन्दी और अन्य भाषाई फिल्मों की ओर ज्यादा हो गया है। कम फिल्में करने के बावजूद अभी दिनेशलाल यादव निरुहवा ही भोजपुरी सिनेमा के सबसे बड़े सितारे हैं। अभिनेत्रियों में आम्रपाली दुबे की जगह सबसे ऊपर है।
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भोजपुरी उद्योग का आकार
भोजपुरी मनोरंजन उद्योग करीब 2000 करोड़ रुपए का है। सिनेमा, संगीत और शो में कमाई बढ़ी रही है, लेकिन संघर्ष भी बढ़ रहा है। फिल्म निर्माण में कमी आई है। वर्ष 2008 के दौर में 70 से ज्यादा फिल्में हर साल बनने लगी थीं, लेकिन अब बामुश्किल 50 फिल्में बन रही हैं। बड़े स्टार भी अब कम फिल्में कर रहे हैं। लागत बढ़ी है, पांच साल पहले 75 लाख से 1 करोड़ रुपए तक में एक फिल्म बन जाती थी, लेकिन अब 2 करोड़ रुपए लग रहे हैं। ज्यादातर फिल्में शौकिया बनाई जा रही हैं और फ्लॉप भी हो रही हैं। हर साल करीब 5 से 10 फिल्मों की कमाई ही 5 करोड़ का आंकड़ा पार कर पा रही है।

भोजपुरी का बाजार
भोजपुरी के दर्शकों की संख्या 25 करोड़ से ज्यादा है। अकेले बिहार की बात करें, तो वह आबादी के हिसाब से विश्व का 12वां देश हो सकता है। भोजपुरी का बाजार बिहार के अलावा, झारखंड, उत्तर प्रदेश में भी है। विदेश की बात करें, तो मुख्य रूप से नेपाल, गुयाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, सुरीनाम, फिजी, मारिशस, दक्षिण अफ्रीका में भोजपुरी के दर्शक बड़ी संख्या में हैं।

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पारिवारिक फिल्मों का अभाव
गंभीर और बेहतर सिनेमा अगर बनाया जाए, तो भोजपुरी दर्शकों की संख्या दोगुनी हो सकती है। भोजपुरी के विशेषज्ञ इस बात को जानते हैं कि भोजपुरी का बाजार पारिवारिक फिल्मों के अभाव में ज्यादा तेजी से नहीं बढ़ रहा है। अभी एक अनुमान के मुताबिक कुल दर्शकों में से आधे दर्शक भी भोजपुरी सिनेमा देखने हॉल नहीं जा रहे हैं। अश्लीलता और फूहड़पन एक बाधा है। अच्छे घरों से फिल्मे दूर हो गई हैं, या जो फिल्में बन रही हैं, उन्हें मां-बहन के साथ बैठकर नहीं देखा जा सकता।
मनोज तिवारी और रवि किशन तक थोड़ी शालीनता थी, लेकिन उसके बाद भोजपुरी सिनेमा में फूहड़ता बढ़ी है, जिसकी वजह से उसका बाजार भी सीमित हो गया है।

अमिताभ भी भोजपुरी में करने लगे थे काम
एक ऐसा अच्छा दौर भोजपुरी सिनेमा में आया था, जब हिन्दी फिल्मों के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन भी भोजपुरी फिल्में करने लगे थे। वर्ष 2006 में गंगा और वर्ष 2012 में गंगा देवी फिल्म में उन्होंने काम किया।
भोजपुरी सिनेमा बाजार जब बढ़ा, तो उसमें ऐसे लोग आ गए, जिन्हें केवल पैसे से मतलब है उन्हें भोजपुरी संस्कृति या भोजपुरी भाषी परिवारों की ज्यादा चिंता नहीं है।

अब भोजपुरी के लाल – खेसारीलाल
वर्ष 2011 में खेसारीलाल ने फिल्मों में काम करना शुरू किया था। अब तक वे 55 के करीब फिल्मों में काम कर चुके हैं। वे गायक भी हैं। वर्ष 2018 में उनकी जो फिल्में आई हैं, उनमें हैं – दीवानापन, डमरू, राजाजानी, दुल्हन गंगा पार के, संघर्ष, बालमजी आइ लव यू, नागदेव और दबंग सरकार।

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