17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

VIDEO: ‘चुपचाप सुनो…’ जब विधानसभा में नितिन नबीन पर भड़क गए थे नीतीश कुमार, 3 साल पुरानी वो भविष्यवाणी आज हुई सच

बिहार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नितिन नबीन से कहा था, “मेरे खिलाफ बोलोगे तभी केंद्र कुछ आगे बढ़ाएगा।” नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद इस बात की खूब चर्चा हो रही है।

2 min read
Google source verification
bihar assembly session 2025

विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार (फोटो-वीडियो ग्रैब)

Nitin Nabin vs Nitish Kumar: मेरे खिलाफ बोलोगे तभी केंद्र वाला कुछ आगे बढ़ाएगा… यह वाक्या साल 2022 का है। जब नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई थी, तो महागठबंधन की नई सरकार का फ्लोर टेस्ट था, जिसमें सदन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संबोधन कर रहे थे। अपने संबोधन में नीतीश कुमार सदन को यह बताने की कोशिश कर रहे थे कि 2020 के चुनाव में बीजेपी के साथ जीतने के बाद उन्होंने क्यों उनका साथ छोड़कर आरजेडी और कांग्रेस के साथ आ गए। इसी क्रम में बीजेपी विधायक नितिन नबीन अपनी सीट से उठे और मुख्यमंत्री को टोकने लगे।

क्या था पूरा वाक्या

नितिन नबीन को ऐसा करते देख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज़ हो गए। एक अभिभावक की तरह उन्हें डाँटते हुए कहा, “अरे सुनो ना, तुम बैठो, तुम क्या जानते हो? हम लोग तो आपके पिताजी के साथ काम कर चुके हैं, उनसे मेरा पुराना संबंध रहा है।” नीतीश कुमार कुछ और कह रहे थे, तभी नितिन नबीन ने फिर से बोलने की कोशिश की, तो उन्होंने कहा, “बोलो मत, चुपचाप सुनो।” इसके बाद भी जब नितिन नबीन सदन में खड़े होकर मुख्यमंत्री को टोकते रहे, तो नीतीश कुमार ने कहा, “ बोलोगे, तभी केंद्र वाला कुछ आगे बढ़ाएगा। नहीं, अगर मेरे खिलाफ बोलोगे, तो कोई आगे नहीं बढ़ेगा।” दरअसल, नितिन नबीन की पहचान बेहद सौम्य और विरोधियों के लिए भी तल्ख़ कमेंट न करने वाले नेता के रूप में है। यही वजह है कि बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद से विरोधी भी उनकी तारीफ करते दिख रहे हैं।

नितिन की वजह से कैंसिल हो गई थी डिनर पार्टी

नीतीश कुमार ने जून 2010 में मोदी के नेताओं के साथ निर्धारित डिनर कार्यक्रम रद्द कर दिया था। वरिष्ठ पत्रकार संकर्षण ठाकुर अपनी किताब बन्धु बिहारी में इस बात की चर्चा करते हुए लिखते हैं कि डिनर के लिए पूरी तैयारी हो चुकी थी। टेंट लग गए थे और ठेठ बिहारी व्यंजन जैसे बालूशाही, बेलग्रामी, खाजा, मालपुआ और लिट्टी‑चोखा बनाने की व्यवस्था शुरू हो गई थी। लेकिन सुबह अखबारों में एक विज्ञापन देख कर नीतीश कुमार भड़क गए। वह विज्ञापन नितिन नबीन और संजीव चौरसिया ने छपवाया था। विज्ञापन में नीतीश‑मोदी की तस्वीर थी, जो लुधियाना में खींची गई थी; इसमें नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी हाथ उठाए हुए खड़े दिख रहे थे। विज्ञापन में नरेंद्र मोदी को बिहार में बाढ़ राहत के लिए दिए गए पाँच करोड़ रुपये के लिए आभार व्यक्त किया गया था। इस विज्ञापन से नीतीश कुमार इतना नाराज़ हो गए कि उन्होंने कोसी बाढ़ आपदा के लिए गुजरात की मोदी सरकार द्वारा बिहार सरकार को भेजे गए बाढ़ राहत कोष का पांच करोड़ वापस कर दिया था।