
बिहार में सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे युवाओं को निशाना बनाने वाला एक बड़ा घोटाला सामने आया है। पटना मेट्रो में भर्ती के नाम पर बेरोजगार युवाओं से धोखाधड़ी की जा रही है। धोखेबाजों ने नकली विज्ञापनों, जाली इंटरव्यू लेटर और सरकारी दस्तावेजों जैसे दिखने वाले लेटरहेड का इस्तेमाल करके एक ऐसा जाल बिछाया है, जिससे पढ़े-लिखे युवा भी आसानी से शिकार बन रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, खुद को पटना मेट्रो की भर्ती एजेंसी बताने वाली एक निजी कंपनी ने सोशल मीडिया और वेबसाइट के जरिए बहाली का विज्ञापन जारी किया। इसमें डेटा एंट्री ऑपरेटर, स्टेशन सुपरवाइज़र, गार्ड, फिटर और लाइनमैन जैसे पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। विज्ञापन में बड़ी संख्या में वैकेंसी भी दिखाई गई थीं, जिससे युवाओं को लगा कि यह एक बड़े पैमाने पर और आधिकारिक भर्ती प्रक्रिया है।
आवेदकों को कुछ ही दिनों में इंटरव्यू लेटर मिल गए। हैरानी की बात यह है कि इंटरव्यू का पता पटना में एक प्राइवेट फ्लैट का दिया गया था। इंटरव्यू लेटर में आधिकारिक भाषा, लंबे निर्देश और सरकारी मुहरों जैसे डिजाइन का इस्तेमाल किया गया था, जिससे वे पूरी तरह असली लग रहे थे। कई उम्मीदवार इससे गुमराह हो गए और बिना डिटेल्स वेरिफाई किए इंटरव्यू के लिए पहुंच गए।
नकली लेटर में यह भी कहा गया था कि संगठन कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के साथ रजिस्टर्ड है। विशेषज्ञों के अनुसार, एक प्राइवेट कंपनी का रजिस्ट्रेशन सिर्फ कारोबार करने की अनुमति देता है, सरकारी भर्ती करने का अधिकार नहीं। इसी तकनीकी जानकारी के अभाव का फायदा उठाकर ठग युवाओं को फंसा रहे हैं।
इंटरव्यू के बाद, उम्मीदवारों को सिलेक्शन का भरोसा दिलाया गया और फिर ट्रेनिंग फीस देने के लिए कहा गया। अलग-अलग पदों के लिए 50,000 रुपये से लेकर 71,000 रुपये तक की फीस मांगी गई। कुछ युवाओं ने नौकरी पाने की उम्मीद में यह रकम चुका दी। बाद में, उन्हें न तो जॉइनिंग लेटर मिला और न ही उनके कॉल या ईमेल का कोई जवाब मिला। तभी उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ फर्जीवाड़ा हुआ है।
| पद का नाम | ट्रेनिंग फीस |
|---|---|
| इलेक्ट्रीशियन | ₹56,000 |
| फिटर | ₹54,000 |
| लाइनमैन | ₹52,000 |
| प्लंबर | ₹50,000 |
| ट्रैकमैन | ₹71,000 |
| स्टेशन सुपरवाइजर | ₹52,000 |
| टोकन कलेक्टर | ₹56,000 |
| डाटा एंट्री ऑपरेटर | ₹53,000 |
| गार्ड | ₹60,000 |
| ऑफिस असिस्टेंट | ₹60,000 |
कुछ पीड़ितों ने पुलिस मुख्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। सूत्रों के अनुसार, यह मामला आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और सतर्कता विभाग के संज्ञान में भी आया है। पटना के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) ने शुरुआती जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई है, जो नकली विज्ञापन, वेबसाइट और इंटरव्यू लेटर जारी करने वालों की पहचान कर रही है।
पटना मेट्रो प्रशासन ने साफ किया है कि मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए सभी भर्तियां सिर्फ ऑफिशियल वेबसाइट और अधिकृत चैनलों के जरिए ही की जाती हैं। किसी भी प्राइवेट कंपनी को भर्ती या ट्रेनिंग फीस लेने का अधिकार नहीं दिया गया है। प्रशासन ने युवाओं से अपील की है कि वे सोशल मीडिया, WhatsApp या प्राइवेट कॉल के जरिए मिलने वाले इंटरव्यू के ऑफर्स से सावधान रहें।
Published on:
29 Dec 2025 12:26 pm
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