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रोहिणी के बयान पर बिहार में बढ़ा सियासी संग्राम, महिलाओं का मिला समर्थन तो जदयू ने दिया सुरक्षा का ऑफर…

रोहिणी आचार्य को अब महिलाओं का भी समर्थन मिलने लगा है। रोहिणी के मुद्दे के समर्थन में जदयू ने उन्हें सुरक्षा का प्रस्ताव दिया है, जबकि इस मुद्दे पर लालू परिवार की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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rohini acharya | lalu family feud

लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी अचार्या। फोटो-IANS

रोहिणी आचार्य ने मायके में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए बिहार में सियासी तापमान बढ़ा दिया है, जिससे इस मुद्दे पर नई बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया पर उन्होंने गुरुवार को लिखा था: “हर बेटी को इस आश्वासन के साथ बड़े होने का अधिकार है कि उसका मायका एक सुरक्षित स्थान है, जहाँ वह बिना किसी डर, अपराधबोध, शर्म या किसी को स्पष्टीकरण दिए बिना लौट सकती है।” रोहिणी ने अपने पोस्ट में नीतीश कुमार का नाम न लेते हुए उनसे सुरक्षा की गुहार लगाई थी। अब उनके इस पोस्ट पर नई बहस शुरू हो गई है और महिलाओँ का भी समर्थन मिलने लगा है।

महिलाओं का मिला समर्थन

पटना वीमेंस कॉलेज से जुड़ी मिन्नती चकलानवीश कहती हैं कि रोहिणी ने जो सवाल उठाया है, वह काफी प्रासंगिक है। कानून में प्रावधान है, पर उसे ज़मीन पर उतारने की भी ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि लड़कियों के लिए मायके का दरवाज़ा हमेशा खुला रहना चाहिए। लड़कियाँ दो घरों की बंधन होती हैं, लेकिन हमारा समाज बेटी को पराया धन कहता है, जबकि बहू को पराये घर की लड़की। यह उचित नहीं है।

सीनियर पत्रकार निवेदिता झा ने रोहिणी के समर्थन में कहा कि लंबी लड़ाई के बाद कानून तो बन गया है, परन्तु वह अभी पितृसत्तात्मक परिवार की वजह से ज़मीन पर नहीं उतर पाया है। लड़कियों को मायके पर उतना ही पूरा अधिकार है, जितना बेटों को है। इस पर लालू जी को भी आगे आना चाहिए, क्योंकि रोहिणी ने अपनी किडनी दान करते समय यह नहीं कहा था कि माँ‑बाप की जिम्मेदारी केवल बेटों की है।

लालू परिवार को आत्मचिंतन करना चाहिए

बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने शनिवार को रोहिणी के मुद्दे पर कहा कि आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी को अपनी बेटी रोहिणी आचार्य द्वारा लगाए गए आरोपों पर आत्मचिंतन करना चाहिए। साथ ही उन्होंने इस पारिवारिक विवाद को परिवार के भीतर ही सुलझाने का आग्रह किया।

जदयू ने दिया सुरक्षा का ऑफर

इधर, रोहिणी आचार्य के इस पोस्ट के बाद सत्ताधारी पार्टी जेडीयू ने उन्हें सुरक्षा का प्रस्ताव दिया है। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि उन्हें पटना में अपनी माँ के घर आना चाहिए और बिहार सरकार उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान करने के लिए तैयार है, क्योंकि बेटियों की सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित करना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

जदयू सांसद संजय झा ने इससे पहले रोहिणी आचार्य से कहा था कि यदि उन्हें बिहार में सुरक्षा की आवश्यकता होगी तो हमारी सरकार उन्हें ज़रूर सुरक्षा प्रदान करेगी। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है। वे बिहार की बेटी हैं, इसलिए उनकी चिंताओं पर हम गंभीरता से विचार करेंगे।