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अमित शाह के पटना दौरे को लेकर उत्साहित भाजपा,जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार दो बार होगी मुलाकात

ऐसे एजेंडे भी हैं जिस पर सहमति बनी तो लोकसभा चुनाव में बिहार के अंदर मिशन 40 का खाका तैयार हो जाएगा।

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पटना

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Shailesh pandey

Jul 11, 2018

amiaat shah-nitish kumar file photo

अमित शाह के पटना दौरे को लेकर उत्साहित भाजपा,जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार दो बार होगी मुलाकात

(प्रियरंजन भारती की रिपोर्ट)
पटना। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के गुरुवार को पटना दौरे को लेकर प्रदेश भाजपा में उत्साह बना हुआ है। पटना की प्रमुख सड़कें उनके स्वागत में लगे बैनर, पोस्टर और झंडों से पट गई । हवाई अड्डे से गांधी मैदान के पास ज्ञान भवन तक नजारा देखते ही बन रहा है। गुरुवार इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है कि इस दिन अमित शाह और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार दो बार मिलेंगे। इस मुलाकात में ऐसे एजेंडे भी हैं जिस पर दोनों के बीच सहमति बनी तो लोकसभा चुनाव में बिहार के अंदर मिशन 40 का खाका तैयार हो जाएगा।

शाह के पास है यह फार्मूला

सूत्रों की मानें तो अमित शाह एक ऐसा फार्मूला तैयार कर ला रहे हैं जिसमें दोनों पार्टियां साथ काम करें और मिशन सभी 40सीटों पर विजय हासिल हो। बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं जिन्हें उत्तर और दक्षिण बिहार कहकर दो भागों में बांटा गया है। इनमें सीमांचल क्षेत्र की सीटें दोनों दलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। सीमांचल यानी पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया क्षेत्र की सीमावर्ती इलाकों की सीटें। इन इलाकों में खासियत यह है कि ये अल्पसंख्यक बहुल सीटें हैं और मोदी लहर में भी इन पर विरोधियों ने जीत हासिल कर ली थी। जानकारों का कहना है कि अमित शाह नीतीश कुमार को ऐसा फार्मूला देंगे कि वह सीमांचल पर फोकस करें। यानी नीतीश का सेक्यूलर चेहरा एनडीए अल्पसंख्यक बहुल सीमांचल में भुनाना चाहेगा। इसका लक्ष्य मिशन 40 पर जीत हासिल करने का है। दोनों दलों की ही नजऱ उन सात सीटों पर टिकी हैं। सीमांचल में नीतीश की सेक्यूलर इमेज का लाभ उठाने का मन भाजपा ने तो बना लिया है लेकिन जदयू की नजर उन सीटों पर भी लगी है जिन्हें पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जीता था।

जदयू भी शाह का मानती है लोहा

सीमांचल के अलावा बिहार के बाकी हिस्सों में भाजपा की जीती हुई सीटों पर भी जदयू की नजर टिकी है। जदयू के एक नेता ने कहा कि अमित शाह का हर कोई लोहा मानने लगा है। वे मिशन साधने में जुट जाते हैं। शाह के साथ नीतीश कुमार की छवि जुड़ जाने का एनडीए को बड़ा फायदा मिल सकता है। इस जदयू नेता की मानें तो बिहार में कई सीटें ऐसी हैं जिन पर भाजपा जीती तो है पर वहां उम्मीदवार बदलने को लेकर पार्टी में घमासान की नौबत बन आई है। ऐसी सीटों में कीर्ति आजाद और शत्रुघ्न सिन्हा की संसदीय सीटें भी हैं। इन सीटों के अलावा तीन और सीटों को लेकर जदयू और अमित शाह के बीच बातें हो सकती हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए कुल 31 सीटों पर कामयाब हुआ था जिनमें भाजपा 22, लोकजनशक्ति पार्टी 6 और रालोसपा कुल तीन पर जीती थी। अब जदयू भी एनडीए का हिस्सा है। लिहाजा इसकी जीती हुई दो सीटों के जोड़ से एनडीए के खाते में अभी कुल 33 सीटें हैं। बाकी सात सीटों पर आरजेडी, कांग्रेस और राकांपा ने जीत हासिल की थी। अमित शाह और नीतीश की बातचीत में इन सीटों को लेकर रोचक निर्णय होने के आसार बताए जा रहे हैं।