
तेज प्रताप यादव Photo-IANS)
Bihar Politics: जन शक्ति जनता दल (JJD) में उस वक्त बड़ा सियासी भूचाल आ गया, जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने अपने ही राष्ट्रीय प्रवक्ता संतोष कुमार रेणु को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। यह कार्रवाई किसी बयानबाजी या राजनीतिक मतभेद की वजह से नहीं, बल्कि नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे लेने के गंभीर आरोपों के बाद की गई है। तेज प्रताप यादव ने खुद फेसबुक पोस्ट के जरिए पूरे मामले की जानकारी सार्वजनिक की।
तेज प्रताप यादव ने अपने पोस्ट में बताया कि बीएमपी में हवलदार के पद पर कार्यरत बिशेश्वर राय से बिहार पुलिस में बहाली कराने के नाम पर संतोष कुमार रेणु ने 1 लाख 45 हजार रुपये लिए। तेज प्रताप यादव के मुताबिक यह कृत्य बेहद घिनौना और अक्षम्य अपराध है, जिसे किसी भी हाल में माफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने साफ कहा कि पार्टी में रहते हुए इस तरह की गतिविधियां न सिर्फ गैरकानूनी हैं, बल्कि संगठन की साख को भी गहरा नुकसान पहुंचाती हैं।
मामला यहीं तक सीमित नहीं रहा। तेज प्रताप यादव ने यह भी दावा किया कि संतोष कुमार रेणु के खिलाफ अन्य लोगों से भी काम कराने के नाम पर झूठ बोलकर पैसे लेने की शिकायतें सामने आई हैं। इन शिकायतों के बाद पार्टी की केंद्रीय अनुशासन समिति ने मामले की जांच की, जिसमें आरोपों की पुष्टि होने की बात कही गई है। इसी आधार पर समिति ने कड़ा फैसला लेते हुए संतोष कुमार रेणु को तत्काल प्रभाव से पार्टी के सभी पदों से निष्कासित कर दिया।
जन शक्ति जनता दल की ओर से जारी आधिकारिक पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि जांच के दौरान यह सामने आया कि राष्ट्रीय प्रवक्ता ने झूठ बोलकर एक पुलिस अधिकारी से पैसे लिए। पत्र में इस कृत्य को घिनौना और अक्षम्य अपराध बताया गया है। केंद्रीय अनुशासन समिति के निर्णय के आधार पर संतोष कुमार रेणु को राष्ट्रीय प्रवक्ता समेत पार्टी के सभी पदों से हटाने का आदेश जारी किया गया, जिस पर राष्ट्रीय महासचिव मोतीलाल राय के हस्ताक्षर हैं।
तेज प्रताप यादव ने अपने बयान में इस बात पर भी जोर दिया कि संतोष कुमार रेणु यादव समाज से आते हैं और यादव समाज के लोगों के साथ भी कथित तौर पर झूठ बोलकर पैसे लेने के आरोप हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकतें समाज और पार्टी दोनों की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं और यादव समाज के युवा इसे कभी माफ नहीं करेंगे।
संतोष कुमार रेणु पर कार्रवाई सिर्फ JJD तक सीमित नहीं रही। यदुवंशी सेना की ओर से जारी पत्र में भी बताया गया कि उन्हें संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। पत्र में आरोप लगाया गया कि काम कराने के नाम पर झूठ बोलकर पैसे लेना अक्षम्य अपराध है। इस पत्र पर यदुवंशी सेना के संरक्षक के तौर पर तेज प्रताप यादव का नाम दर्ज है।
Published on:
15 Dec 2025 08:23 am
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