
Banswara :400 Students got award
परीक्षा परिणाम आने के साथ ही प्रतिभाओं और उनके अभिभावकों के मन में ढेरों सवालों उमड़-घुमड़ रहे थे। कौन सा विषय चयन करें, कौन सा फील्ड चुनें, स्वयं की क्षमता का आकलन कैसे करें, कॅरियर की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ क्या हो सकता है कि सफलता के शिखर तक पहुंच पाएं। ऐसी हर जिज्ञासा का हाथोंहाथ संतोषप्रद जवाब मिला और साथ ही राह भी मिली।
इसके बाद जब वे लौटे तो चेहरे पर सुकून और निश्चिंतता का भाव झलक रहा था। कुछ ऐसा ही हुआ राजस्थान पत्रिका के पत्रिका इन एज्युकेशन एवं लीयो कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में हुए कॅरियर सेमिनार एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में । विषय विशेषज्ञों एवं अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ मुकाम हासिल करने वाले जानकारों ने वागड़ के दोनों जिलों से पहुंची प्रतिभाओं को कॅरियर से जुड़े टिप्स बताए।
'अपनी ब्रॉण्डिंग खुद करें'
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विषय विशेषज्ञ यशदेवसिंह ने कहा कि व्यक्ति किसी ने किसी को अपना रोल मॉडल मानता है। मन में आता है कि मैं सचिन तेंदूलकर, अमिताभ बच्चन, कल्पना चावला, मॉक्र्स जुकरबर्क, रतन टाटा या धीरू भाई अम्बानी जैसा बनूं । पर, यह सही नहीं है। हमें किसी और के जैसा नहीं बनना है।
हमें वो बनना है कि जमाना हमारे जैसा बने। हमें खुद को अपनी ब्राण्ड स्थापित करनी होगी। लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं इसके लिए जरूरी है कि हम अपनी इमेज खुद पावरफुल बनाएं।
पहले तय करें क्या बनना है, फिर विषय चुनें
मुख्य अतिथि जिला पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत ने कहा कि दक्षिणी राजस्थान में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। पर, सही समय पर सही मार्गदर्शन नहीं मिलने से वह पिछड़ जाते हैं। कई बच्चे आर्मी ऑफिसर बनना चाहते हैं, तो कई बच्चे डॉक्टर। कई इंजीनियर। पर, दसवीं के बाद सही विषयों का चयन नहीं कर पाने से अपनी रुचि के कॅरियर का भी चयन नहीं कर पाते हैं।
सही समय पर सही विषयों एवं सही शैक्षणिक संस्था का चयन जरूरी है। ऑनलाइन उपलब्ध कॅरियर जानकारी, काउंसलर की सलाह लें। पहले यह तय करें कि बनना क्या है उसके बाद विषयों का चयन करें। रावत ने समय प्रबंधन, दिनचर्या, संगति, स्वस्थ्य प्रतिस्पद्र्धा आदि के बारे में जानकारी दी।
यहां से बनेंगे आईएएस-आरएएस
अध्यक्षता करते हुए लीयो कॉलेज के निदेशक मनीष त्रिवेदी ने कहा कि कॉलेज दक्षिणी राजस्थान में शिक्षा की अलख जगा रहा है। कॉलेज से निकली कई प्रतिभाएं प्रदेश ही नहीं देश से बाहर निकल विदेशों में इस क्षेत्र का नाम रोशन कर रही हैं। त्रिवेदी ने कहा कि बांसवाड़ा से आईएएस-आरएएस निकालकर इस दिशा में सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रतिभाओं को मिला प्रोत्साहन
कार्यक्रम में राजस्थान बोर्ड एवं सीबीएसई में 75 फीसदी से अधिक अंक लाने वाली बांसवाड़ा-डूंगरपुर की 400 से अधिक प्रतिभाओं को प्रशस्ति-पत्र मय प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। प्रारम्भ में पत्रिका परिवार की ओर से स्वागत करते हुए राजस्थान पत्रिका के संपादकीय प्रभारी वरुण भट्ट ने कहा कि जिस क्षेत्र में आपकी रुचि हो और मन कहे बस उसी और आगे बढ़ें।
इस मौके पर अजय पाण्डे, साजिद मोहम्मद, वैभव चौबीसा, चिराग पण्ड्या, शैलेष पाठक, ललित चौधरी, खुश्बू उपाध्याय एवं सोनल आदि मौजूद थे। संचालन बुरानुद्दीन एवं विनीत याज्ञनिक ने किया। आभार प्राचार्य दीपककुमार भट्ट ने व्यक्त किया।
आगे बढो, हिम्मत हम देंगे
कार्यक्रम के दरम्यान एक समय वह भी आया कि जब खूब तालियां बजीं। कुछ की आंखें भी नम हो गई। यह अवसर दिव्यांग प्रतिभावान चिराग जैन को सम्मानित करने का था। दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद 84 फीसदी अंक लाने चिराग का सम्मान किया। कॉलेज के निदेशक मनीष त्रिवेदी ने भी चिराग की हौसला अफजाई के लिए कॉलेज शिक्षा लीयो कॉलेज या सुविधा के हिसाब से कहीं से भी करने पर सम्बलन दिए जाने की घोषणा की।
Published on:
11 Jun 2017 02:58 am
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