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10 हजार से ज्यादा स्कूल बंद होंगे! 45 हजार शिक्षकों के पद समाप्त, पूर्व मंत्री ने युक्तियुक्तकरण को बताया षड्‌यंत्र

Rationalization in School: पूर्व राजस्व मंत्री ने युक्तियुक्तकरण को रोजगार और शिक्षा विरोधी कदम बताते हुए आरोप लगाया कि इससे 45 हजार से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो जाएंगे।

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45 हजार शिक्षकों के पद समाप्त Symbolic Image-Freepik)

45 हजार शिक्षकों के पद समाप्त Symbolic Image-Freepik)

Rationalization in School: पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने युक्तियुक्तकरण को रोजगार और शिक्षा विरोधी कदम बताते हुए आरोप लगाया कि इससे 45 हजार से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो जाएंगे। 10 हजार 463 स्कूल बंद कर दिए गए हैं। इससे हजारों लोगों के रोजगार के अवसर समाप्त होंगे। कांग्रेस इसके खिलाफ सभी जिलों एवं ब्लाकों में आंदोलन चलाएगी। पूर्व मंत्री अग्रवाल ने पत्रवार्ता में कहा कि नए सेटअप के नाम पर स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदों की संया में कटौती कर शिक्षक के हजारों पद खत्म कर दिए गए हैं।

डॉ रमन सिंह की सरकार के दौरान भी प्रदेश में 3300 से अधिक स्कूलों को बंद कर 12000 शिक्षकों के पद को खत्म किया गया था। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में प्राइमरी स्कूलों में 21 छात्रों के बीच एक शिक्षक है। इस अनुपात को बढ़ाकर 30 छात्र प्रति शिक्षक और मिडिल स्कूलों में 26 छात्र प्रति शिक्षक के रेसियो को बढ़ाकर 35 छात्र प्रति शिक्षक किया जा रहा है। जिससे शिक्षकों के एक तिहाई पद खत्म हो जायेंगे।

9 जून से चरणबद्ध आंदोलन

जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी के अनुसार प्रदेश की शिक्षा नीति के विरोध में ज़िला कांग्रेस कमेटी द्वारा जिला व ब्लॉक मुख्यालयों में चरण बद्ध आंदोलन किया जाएगा। 9,10 और 11 जून को ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय का घेराव,16 से 25 जून को जिलास्तरीय शिक्षा न्याय यात्रा व ज़िला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय का घेराव, 1 से 10 जुलाई को प्रत्येक ब्लॉक में 5 सें 10 बंद किए जाने वाले स्कूलों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

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प्रदेश में 58 हजार से ज्यादा पद रिक्त

अग्रवाल ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 58000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं। हर महीने सैकड़ों शिक्षक रिटायर हो रहे हैं। कई वर्षों से शिक्षकों का प्रमोशन रुका हुआ है। भाजपा ने विधानसभा चुनावों में दावा किया था राज्य में 58000 शिक्षकों के पद खाली है। विधानसभा में घोषणा की थी कि 35000 पद भरे जायेंगे। इस वर्ष बजट में भी 20000 शिक्षकों की भर्ती की बात की गयी है। यह भर्तियां नहीं करनी पड़े, इसलिये 45000 पद समाप्त किये जा रहे है।

सरकारी शिक्षा व्यवस्था चौपट करने का आरोप, सरगुजा-बस्तर में ज्यादा असर

उन्होंने कहा कि इस फैसले का सबसे बड़ा नुकसान बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अंचलों में पढ़ने वाले बच्चों पर पड़ेगा। सरकारी शिक्षा व्यवस्था को बौपट करने साथ सरकार ने षड्‌यंत्र रचा है। प्राथमिक शालाओं में पहली व दूसरी में सीन-तीन विषय एवं तीसरी बौथी, पांकी में चार-बार विषय के अनुसार कुल 18 विषय होते हैं। जिन्हें वर्तमान समय में तीन शिक्षकों को 40 मिनट की 6-6 कक्षा लेनी होती है।

पूर्व राजस्व मंत्री ने सवाल उठाया कि मिडिल स्कूल में तीन क्लास और 6 विषए, इस हिसाब से कुल 18 क्लास और 60 बच्चों की कुल संख्या में एचएम और उसके साथ केवल एकमात्र शिक्षक कैसे 18 क्लास ले पाएंगे? इसके अतिरिक्त मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था सरकारी डाक का जवाब और अन्य गैर शिक्षकीय कार्यों की जिम्मेदारी भी इन पर रहेगी।