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बेटी की कमी को चित्रों ने पूरा किया : प्रयाग शुक्ल

जन्म के 15 साल बाद से कलाओं के प्रति आकर्षित होने लगा था, पारंपरिक और लोक कलाएं समकालीन व आधुनिक कलाओं से अलग नहीं

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बेटी की कमी को चित्रों ने पूरा किया : प्रयाग शुक्ल

बेटी की कमी को चित्रों ने पूरा किया : प्रयाग शुक्ल

जयपुर. 'मेरा जन्म कोलकाता में हुआ और लगभग 14 साल की आयु के बाद कलाओं के प्रति आकर्षण बढऩे लग गया और तभी से कला लेखन की तरफ चला गया। इसके बाद यह सिलसिला आज तक जारी है। इस दौरान देश-दुनिया में हर तरह के कलाकारों की कलाकृतियों को देखने पहुंचता और वहां के कला क्षेत्र को समझने का प्रयास करता रहा। इसका गहरा प्रभाव पड़ा और वैश्विक स्तर पर कलाओं की समझ बढ़ी।' यह कहना है, जाने-माने कला समीक्षक और चित्रकार प्रयाग शुक्ल का। वे राजस्थान ललित कला अकादमी की ओर से झालाना स्थित अकादमी संकुल ऑडिटोरियम में कला संवाद कार्यक्रम के तहत आयोजित व्याख्यानमाला में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले बेटी की कैंसर से डेथ हो गई और उसके बाद मैं जब भी कुछ लिखने बैठता, तो वे अक्षर फूल-पत्तियों में बदल जाते। हालांकि मैं डूडलिंग काफी समय कर रहा था, लेकिन इन दिनों जब भी कुछ बनाता, उनमें बेटी की झलक नजर आती। फिर कुछ कुछ पेपर पर चित्र बनाए और फिर कोरोना में प्रबुद्ध कलाकारों की सलाह पर रंगों से भरे चित्र बनाए। इनमें प्रकृति, आस-पास का माहौल और दिल-दिमाग की हलचल को प्रस्तुत करने लगा। जब बड़ी बेटी ने मेरे चित्र देखे तो उन्होंने कहा कि दुनिया में आप बनने तो चित्रकाए आए थे, लेकिन लेखन की तरफ चले गए। इसके बाद चित्र बनाने के लिए प्रति लगाव ज्यादा बढ़ गया।

हर समय में बहस चलती आ रही है

उन्होंने कहा कि हुसैन, रजा के समय में भी यह बहस थी कि आधुनिक और समकालीन कलाओं से पारंपरिक व लोक कलाएं अलग नहीं है। इनका जुड़ाव हर समय रहा है। बहुत से कंटेम्परेरी कलाकारों ने फोक और ट्रेडिशनल आर्ट स्टाइल के साथ जुड़ाव रखकर अपनी अलग पहचान बनाई। इन बदलावों की वजह से भी लोगों का नजरिया भी चैंज हुआ। कार्यक्रम में प्रयाग शुक्ल के बनाए चित्रों को भी प्रदर्शित किया गया। इस मौके पर प्रदेश के वरिष्ठ चित्रकार विद्यासागर उपाध्याय, पत्रकारिता यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ओम थानवी, अकादमी के सचिव रजनीश हर्ष, वरिष्ठ चित्रकार नाथूलाल वर्मा, जगमोहन माथोडिया, मीनू श्रीवास्तव, विनय शर्मा, अकादमी के पूर्व सचिव सुरेन्द्र सोनी, कला समीक्षक राजेश व्यास सहित कई लोग मौजूद रहे।