
Korba News: कोरबा के कोयला खदानों में हो रही हेवी ब्लास्टिंग से गांव के लोग नाराज हैं। गेवरा खदान में ब्लास्टिंग से नाराज होकर गांव अमगांव के लोगों ने ब्लास्टिंग करने वाले को घेर लिया और अमगांव फेस पर की जा रही ब्लास्टिंग को बंद करा दिया। ब्लास्टिंग नहीं होने से कोयला खनन प्रभावित हुआ तब ठेका कंपनी कलिंगा के अफसर मौके पर पहुंचे लेकिन ग्रामीणों ने यह कहते हुए बातचीत से मना कर दिया कि उनकी लड़ाई एसईसीएल प्रबंधन से है, इसलिए वे ठेका कंपनी के अफसर से बातचीत नहीं करेंगे।
ग्रामीणों ने बताया कि एसईसीएल की खदानों में कोयला तोड़ने के लिए रोजाना हेवी ब्लास्टिंग की जा रही है इससे आसपास की धरती डोल रही है। उनके मकानों में दरार पड़ गई है। अब खदान का विस्तार अमगांव के करीब पहुंच गया है। इस स्थिति में ब्लास्टिंग किए जाने से ग्रामीणों के घरों तक पत्थर का टुकड़ा उड़कर पहुंच रहा है। घरों के गिरने का भी खतरा बढ़ गया है। इस गंभीर समस्या को लेकर ग्रामीणों की ओर से पहले ही एसईसीएल प्रबंधन को अवगत कराया गया था, मगर कंपनी के स्थानीय अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। तब ग्रामीणों ने प्रबंधन से मिलकर भी अपनी समस्या रखी थी लेकिन अफसर उदासीन बने रहे।
गुरुवार को गेवरा खदान में अमगांव फेस पर ब्लास्टिंग हुई। इसकी धमक इतनी तेज थी कि यहां से पत्थर का एक टुकड़ा उड़कर गांव में रहने वाली महिला अक्ती बाई के मकान पर गिरा। घटना में महिला को चोटें नहीं आई लेकिन पत्थर का टुकड़ा उड़कर मकान पर गिरने से लोग नाराज हो गए।
एकजुट होकर ग्रामीण उस स्थान पर पहुंचे जहां कंपनी की ओर से ब्लास्टिंग कराया जा रहा था। गांव के लोगों ने ब्लास्टिंग को रोक दिया और एसईसीएल के अफसरों को मौके पर बुलाने की मांग की। देर शाम तक एसईसीएल प्रबंधन से जुड़े अफसर मौके पर नहीं पहुंचे थे। दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बरकरार था। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी मांग को लेकर गेवरा प्रबंधन की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं की जाती तब तक अमगांव फेस पर ब्लास्टिंग नहीं होने देंगे।
ग्रामीणों ने बताया कि खदान उनके घर से 500 मीटर से भी कम दूरी पर स्थित है। खदान का विस्तार अब बस्ती के करीब पहुंच गया है। ग्रामीणों ने कहा कि जिस स्थान पर कार्य चल रहा है वहां से 500 मीटर के दायरे में कंपनी ब्लास्टिंग नहीं कर सकती। उन्होंने गेवरा प्रबंधन पर नियम विरूद्ध कार्य करने का आरोप लगाया है। इस मसले को लेकर ग्रामीणों ने खान सुरक्षा निदेशालय को भी पत्र लिखकर कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
गौरतलब है कि हाल ही में खान सुरक्षा निदेशालय ने दीपका खदान के लिए अधिग्रहित जमीन गांव मलगांव की फेस पर कोयला खनन और ब्लास्टिंग को कुछ दिनों तक के लिए रोका है। इससे ग्रामीणों का हौसला बढ़ गया है। उनका कहना है कि कंपनी को नियमों की अनदेखी कर गांव के करीब कोयला खनन की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
Updated on:
22 Nov 2024 05:42 pm
Published on:
22 Nov 2024 01:27 pm
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