
34 साल पहले राजकपूर ने कहा था ‘राजमंदिर से सीखे, फिल्में कैसे एग्जीबिट होती हैं’
जयपुर. आज जहां देशभर में सिंगल स्क्रीन थिएटर्स दम तोड़ रहे हैं, वहीं jaipur का राजमंदिर आज भी अक्सर हाउसफुल के टैग के साथ टिकट विंडो बंद करता है। इसकी शानदार वास्तुकला के चलते इसे ‘Pride of Asia’ की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है। यही नहीं, कई नामी हस्तियों ने राजमंदिर को देखकर शब्दों के आभूषण भेंट किए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राजमंदिर को ‘दर्शनीय’, तो फिल्म निर्माता/निर्देशक बीआर चोपड़ा ने लिखा कि ‘दुनिया में कहीं भी राजमंदिर जैसा दूसरा नहीं हैं, यह सिर्फ सिनेमा नहीं, बल्कि टूरिस्ट अट्रैक्शन है।’ यही नहीं, लीजेंडरी राजेन्द्र कुमार ने इसे देश का सबसे ब्यूटीफु ल सिनेमा हॉल बताया। 34 साल पहले राज कपूर ने लिखा था ‘राजमंदिर से दूसरे एग्जीबिटर को सीखना चाहिए कि फिल्में कैसे एग्जीबिट होती हैं।’
राजमंदिर के ओनर भूरामल राजमल सुराणा थे। सुराणा परिवार राजमंदिर को संभाल रहा है। राजमंदिर के डायरेक्टर कुशल चंद सुराणा इसकी देखरेख कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इसकी नींव 1966 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिय़ा ने रखी थी। इसे बनने में लगभग 10 साल लगे थे और इसका उद्घाटन 1 जून 1976 को मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी ने किया। यहां पहली फिल्म ‘चरस’ रिलीज हुई थी।
75 वीक्स चली ‘hum aapke hain kaun’
राजमंदिर में ‘hum aapke hain kaun’ सबसे ज्यादा चलने वाली movie है। जिसने 75 सप्ताह के साथ प्लेटिनम जुबली मनाई थी। वहीं ‘राम तेरी गंगा मैली हो गई’ ने ७४ वीक्स के साथ गोल्डन जुबली सेलिब्रेट की थी। इसके अलावा ‘दुल्हन वहीं जो पिया मन भाए’, ‘तराना’, ‘नसीब’, ‘विधाता’, ‘अवतार’,‘शराबी’, ‘प्रतिघात’, ‘मैंने प्यार किया’ और ‘बेटा’ सिल्वर जुबली फिल्में थी। इसके अलावा १०० दिन से ज्यादा लगने वाली फिल्मों की लिस्ट भी लम्बी है।
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कभी यहां बैडमिंटन के टूर्नामेंट हुआ करते थे
फिल्म वितरक राज बंसल बताते हैं, कि करीब 8 साल हमने राजमंदिर रेंट पर लिया था। जब यहां काम चल रहा तब बैडमिंटन टूर्नामेंट भी आयोजित किया गया था। आज भी इंडिया में सिंगल सिनेमा में राजमंदिर और मराठा मंदिर बॉम्बे सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं।
Published on:
20 Nov 2019 03:33 pm
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