
प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo - Gemini AI
Mini Heart Attack : हम हार्ट अटैक के बारे में अक्सर सुनते हैं। हार्ट अटैक आने की कई खबरें भी आए दिन आती रहती हैं। इसी बीच मिनी हार्ट अटैक को लेकर इंटरनेट पर कुछ बातें हो रही हैं। यूजर्स मिनी हार्ट अटैक को लेकर कई तरह के सवाल (Mini Heart Attack FAQs) गूगल पर कर रहे हैं। इसके बारे में पत्रिका की बातचीत डॉ. गौरव सिंघल (ESIC मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष) और आयुर्वेदिक डॉ. अर्जुन राज से बातचीत की। चलिए, मिनी हार्ट अटैक के बारे में काम की बातें जानते हैं।
डॉ. गौरव सिंघल (ESIC मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष) हैं। ये इस क्षेत्र में करीब 20 साल का अनुभव है। जयपुर के प्रतिष्ठित कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. गौरव सिंघल का हालही में चयन हंगरी के बुडापेस्ट शहर में आयोजित स्ट्रक्चरल हार्ट वाल्व इंटरवेन्शन फेलोशिप प्रोग्राम के लिए हुआ था। इस फेलोशिप के तहत वो आधुनिक हृदय वाल्व उपचार तकनीकों (टावी) का प्रशिक्षण प्राप्त करके लौटे हैं।
वहीं, आयुर्वेदिक डॉ. अर्जुन राज एक फेमस आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं जो 15 साल से इस फिल्ड में कार्यरत हैं। कई फिल्मी हस्तियां भी इनके पास इलाज के लिए आती हैं। हम इन दोनों डॉक्टर्स से इन सवालों के जवाब जानेंगे-
डॉ. गौरव सिंघल ने बताया कि मेडिकल की डिक्शनरी में ऐसा कुछ नहीं है। ये दरअसल, समझाने के लिए गूगल पर लिखा जा रहा होगा। हां, पर कई बार हार्ट अटैक आता है जिसकी जानकारी जांच में पता नहीं चल पाती है। पर, लक्षण के जरिए पहचान हो सकती है। इसलिए, लक्षण या सीने में होने वाले दर्द के पैटर्न को समझना होगा। इस तरह के हार्ट अटैक को मिनी कहा जा सकता है।
डॉ. गौरव ने कहा, मिनी हार्ट अटैक को साइलेंट अटैक नहीं कह सकते हैं। साइलेंट का मतलब है कि चुपचाप अटैक। जबकि, मिनी टाइप के अटैक में दर्द होता है। दोनों को एक जैसा नहीं कह सकते हैं।
मिनी हार्ट अटैक का पता सिर्फ लक्षण के जरिए ही लगाया जा सकता है। एक अलग प्रकार का सीने में दर्द होता है। उस दर्द के आधार पर ही हम लोग मरीज का इलाज भी करते हैं। क्योंकि, ईसीजी में भी इसके बारे में पता नहीं चलता है।
डॉ. गौरव ने समझाते हुए कहा कि सीने के बीच में जो हड्डी होती है, वहीं पर दर्द शुरू होता है। उसके बाद वो दर्द पीठ की ओर जाता है। इस तरह से वो दर्द आता जाता रहता है। अगर ऐसा दर्द लगातार 10-15 मिनट तक रहता है। इसके साथ पसीना आ भी सकता है और नहीं भी। अगर सर्दी में अटैक आया तो शायद पसीना ना निकले। ऐसे में दर्द का पैटर्न पहचानकर मिनी हार्ट अटैक को समझ सकते हैं।
वहीं, एशियन मेडिकल इंस्टीच्यूट की जानकारी के मुताबिक, मिनी हार्ट अटैक में आमतौर पर होने वाले गंभीर हार्ट अटैक की तरह सीने में तेज दर्द नहीं होता।
आयुर्वेदिक डॉ. अर्जुन राज ने कहा कि सर्दी में दिल का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार, पहली प्राथमिकता होनी चाहिए दिल को हेल्दी रखना। अगर हार्ट हेल्दी रखेंगे तो ना मिनी अटैक आएगा और ना ही कुछ और। चलिए, दिल को हेल्दी रखने के लिए कुछ जरूरी बात जान लेते हैं-
हेल्दी हार्ट के लिए अश्वगंधा, अर्जुन की छाल, अदरक आदि का सेवन करें। ये चीजें दिल को मजबूत बनाने का काम करती हैं। आप इसका सेवन आयुर्वेदिक डॉक्टर की राय लेकर कर सकते हैं।
डॉ. अर्जुन ने बताया कि हर दिन 30 मिनट की वॉक दिल को हेल्दी रखने के लिए सही मानी जाती है। आप हर दिन सुबह घास पर चलें।
डॉ. अर्जुन ने बताया कि हार्ट अटैक आने पर व्यक्ति को लिटाएं नहीं। साथ ही हल्का गर्म पानी दे सकते हैं। इसके अलावा अगर ताजी अदरक है तो वो उसे चूसने के लिए दें। साथ ही उसको जल्दी से अस्पताल लेकर जाएं।
डॉ. गौरव सिंघल कहते हैं कि अगर सीने का दर्द (जैसा कि ऊपर बताया गया है), वैसा महसूस होने पर आपको फौरन अस्पताल जाना चाहिए। ताकि समय पर डॉक्टर उपचार कर पाएं। देरी होने से मरीज की जान भी जा सकती है।
Published on:
28 Dec 2025 09:00 am
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