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Bihar Elections: क्यों है मुकेश सहनी फेवरेट, क्या है सन ऑफ मल्लाह की पॉलिटिक्स

मुकेश सहनी को लेकर बिहार की राजनीति में सबसे ज्यादा चर्चा है। साल 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान आखिरी वक्त में महागठबंधन से नाखुश हो गए थे। वह NDA में शिफ्ट हो गए थे। इस बार भी जब सीट शेयरिंग को लेकर माथापच्ची चल रही है तो लोग उनके अगले कदम की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं।

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विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी (Photo-ANI)

Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। इंडिया गठबंधन और एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर माथापच्ची का दौर जारी है। इंडिया ब्लॉक में मुकेश सहनी कम से कम 30 सीटों की मांग कर रहे हैं, लेकिन एक अनुमान के अनुसार उन्हें 10 से 15 सीटें मिलने की संभावना है। खास बात यह है कि मुकेश सहनी दोनों गठबंधन के फेवरेट बने हुए हैं।

साल 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में ऐन वक्त पर सहनी पाला बदलकर NDA में शामिल हो गए थे। तब भाजपा ने अपने कोटे से 11 सीटें सहनी की पार्टी VIP को दी थी। जिनमें से चार सीटों पर VIP ने जीत दर्ज की थी, लेकिन बाद में तीन विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे। कहा जा रहा है कि इस बार भी भारतीय जनता पार्टी अंदर खाने मुकेश सहनी को उन सीटों की पेशकश कर रही है, जिन पर VIP प्रत्याशियों के जीतने की प्रबल संभावना है। अगर सहनी पाला बदलते हैं तो यह पांच साल पुरानी वाली ही स्थिति होगी।

कभी सेट डायरेक्टर का काम करते थे सहनी

मूल रूप से दरभंगा के रहने वाले मुकेश सहनी कभी बॉलीवुड में सेट डायरेक्टर का काम करते थे। साल 2013 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पीएम मोदी के लिए मल्लाहों को लामबंद किया। इसके बाद सहनी ने जदयू संग अपने रिश्ते बनाए। फिर 2015 में बिहार चुनाव आते-आते सहनी भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में उभरे। साल 2018 में उन्होंने अपनी पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) बनाई। उसके बाद साल 2019 में वह फिर राजद के खेमे में गए। फिर 2020 विधासनभा चुनाव से पहले NDA में आए। उसके कुछ साल बाद फिर वह महागठबंधन में शामिल हो गए।

सबके फेवरेट क्यों हैं सहनी?

एनडीए और महागठबंधन दोनों ही खेमा मुकेश सहनी को अपनी ओर लाने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, सन ऑफ मल्लाह नाम से फेमस सहनी के पास निषाद वोट बैंक है। जोकि EBC का एक बड़ा हिस्सा है। बिहार में हुए जातीय सर्वे के मुताबिक निषाद समुदाय राज्य की कुल आबादी का लगभग 9.6% है, जिसमें मल्लाह उप-समूह, जिससे सहनी संबंधित हैं, इसकी संख्या का 2.6% है। मल्लाहों के अलावा निषाद समुदाय में बिंद, मांझी, केवट और तुरहा समूह शामिल हैं। EBC का यह बड़ा वर्ग चुनाव के दौरान किसी एक खेमे में शिफ्ट होता है तो जीत के लिए बड़ा फैक्टर साबित हो सकता है। इसके साथ ही, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, खगड़िया, वैशाली और उत्तर बिहार के कुछ जिलों में भी निषाद वोटर निर्णायक साबित हो सकते हैं।

तेजस्वी नहीं करना चाहते हैं कोई गलती

पिछली बार तेजस्वी महज 12 हजार वोट से सीएम की कुर्सी पर बैठने से चूक गए थे। इस बार वह कोई भी गलती नहीं करना चाहते हैं। सूबे की सियासत में विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी की महत्वकांंक्षा जगजाहिर है। वह बिहार का डिप्टी सीएम बनना चाहते हैं। सहनी कहते हैं कि VIP के पास एकमुश्त 14 फीसदी मल्लाह वोट है, दूसरे दलों का मानना है कि बिहार में मल्लाह वोट 7 फीसदी है। जबकि जातीय सर्वे में मल्लाह की संख्या कुल 2.6 फीसदी बताई गई है। साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में ऐन वक्त पर मुकेश सहनी ने पाला बदल लिया था। इसे याद रखते हुए राजद ने तीन डिप्टी सीएम का फॉर्मूला तैयार किया है। जिसमें एक सीट VIP के लिए रखी गई है।