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CG News: ई-रिक्शा का हैंडल पकड़कर मोड़ दी किस्मत की दिशा, जानें लखपति दीदी गायत्री के संघर्ष की कहानी…

CG News: लखपति दीदी यादव ने बताया कि इस योजना से अब वह न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर है बल्कि योजना से मिली राशि व जिला प्रशासन से मिले सहयोग से आज वह स्वयं का व्यवसाय कर रही है।

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CG News: ई-रिक्शा का हैंडल पकड़कर मोड़ दी किस्मत की दिशा, जानें लखपति दीदी गायत्री के संघर्ष की कहानी...

ई-रिक्शा वाली लखपति दीदी (Photo Patrika)

CG News: जहाँ लोग बड़ी-बड़ी डिग्रियों और नौकरियों के पीछे भागते हैं, वहीं एक साधारण महिला/पुरुष ने ई-रिक्शा की हैंडल पकड़कर किस्मत की दिशा मोड़ दी। मेहनत, हिम्मत और हुनर के दम पर सड़क से सीधा सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँची यह कहानी है उस इंसान की, जिसने समाज की सोच को चुनौती दी और ई-रिक्शा चलाकर बना एक सच्चा लखपति। आइए जानते हैं, कैसे ठेले से लेकर लक्ष्मी तक का सफर तय किया।

केन्द्र सरकार की लखपति दीदी योजना महिलाओं के जीवन में बदलाव के साथ ही उनके आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैै। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन योजना से जुड़कर आज जिले की ग्रामीण महिलाओं ने स्वावलंबन की नित नई मिसाल पेश कर रही है। जिसकी एक बानगी ओटेबाधा की गायत्री यादव के रूप में देखने को मिली।

विकासखंड अंबागढ़ चौकी के जय माँ रानी दुर्गावती समूह ओटेबांधा की गायत्री यादव समूह से जुडऩे के साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त होने एवं नवाचार की उनकी सोच ने उन्हें ई-रिक्शा चलाने के लिए प्रेरित किया, जिसमें उनके पति का सहयोग भी मिला। यात्रियों को उनके मंजिल तक छोड़ने वाले ई-रिक्शा आज यादव के लिए स्वावलंबन का हमसफर बन चुका है।

आज उनकी मेहनत रंग लाई और यादव आज आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के साथ ही लखपति दीदी बन चुकी है। इस बदलाव के माध्यम से उनके जीवन में स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सामाजिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। समूह के माध्यम से लाभ प्राप्त कर यादव अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पा रही है।

लखपति दीदी ने ने बताया

लखपति दीदी यादव ने बताया कि इस योजना से अब वह न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर है बल्कि योजना से मिली राशि व जिला प्रशासन से मिले सहयोग से आज वह स्वयं का व्यवसाय कर रही है। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बहुत कुछ सीखने को मिला है। इसके अलावा स्व-रोजगार मार्गदर्शन भी प्रदान किए गए। योजना अंतर्गत ऋण राशि स्वीकृत की गई, जिससे उन्हें अपना व्यवसाय प्रारंभ करने में मदद मिली। आज उनका परिवार आर्थिक रूप से सशक्तिकरण की ओर बढ़ रहा है।

यादव कहती है कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की योजनाए उन जैसी सभी महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई है। वे अपने परिवार को स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक तंगी से उबार रही है, और अपने आस-पास की महिलाओं लिए प्रेरणास्रोत भी बन रही है। उन्होंने योजनाओं क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का धन्यवाद ज्ञापित किया है।

अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए यादव ने बताया कि पहले उनकी आय कृषि व मजदूरी पर निर्भर थी। जिससे आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ता था। लेकिन आज शासन की योजनाओं का लाभ लेते हुए उन्होंने अतिरिक्त आय के रूप में स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ कर लिया है। यादव कृषि कार्यो के साथ ही ई-रिक्शा चला कर प्रतिमाह 8 से 10 हजार रुपए आय अर्जित कर रही है। साथ ही अपने परिवार में अपनी आर्थिक सहभागिता भी निभा रहीं है।