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पाकिस्तान की ओर बह रहे पानी पर भ्रम: पंजाब बोला- मांग ही नहीं, राजस्थान कह रहा- दे नहीं रहे

सतलुज और व्यास नदियों के उफान पर होने और बांधों से छोड़े जा रहे पानी से पंजाब के कई जिले बाढ़ की चपेट में आए हुए हैं। पानी को लेकर पंजाब कह रहा है कि राजस्थान पानी नहीं मांग रहा, इसलिए पानी हरिके हैडवर्क्स से नीचे की ओर छोड़ा जा रहा है। दूसरी तरफ राजस्थान कह रहा है कि पंजाब शेयर के अनुसार पानी नहीं दे रहा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट

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हरिके हैडवर्क्स। फाइल फोटो पत्रिका


श्रीगंगानगर। सतलुज और व्यास नदियों के उफान पर होने और बांधों से छोड़े जा रहे पानी से पंजाब के कई जिले बाढ़ की चपेट में आए हुए हैं। दोनों नदियों का और बांधों से छोड़े जा रहे पानी में से 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी हरिके हैडवर्क्स से नीचे पंजाब के फिरोजपुर व फाजिल्का जिलों में तबाही मचा कर पाकिस्तान जा रहा है।

इस पानी को लेकर पंजाब व राजस्थान के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है। पंजाब कह रहा राजस्थान वाले पानी मांग नहीं रहे, इसलिए पानी हरिके हैडवर्क्स से नीचे की ओर छोड़ा जा रहा है। दूसरी तरफ राजस्थान यह कह रहा है कि पंजाब शेयर के अनुसार पानी नहीं दे रहा।

पंजाब ने बाढ़ प्रभावित इलाकों को बचाने के लिए जबसे हरिके हैडवर्क्स से नीचे की ओर से पानी छोड़ना शुरू किया है, राजस्थान की गंगनहर और इंदिरा गांधी नहर को मिलने वाले पानी में कटौती हो गई है। हालांकि छोड़ा जा रहा पानी पंजाब के ही दो और जिलों में भारी तबाही का कारण बन गया है। फिरोजपुर के 35 और फाजिल्का के 20 से अधिक गांव इस समय बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं।

तबाही से आक्रोश

पंजाब के लोगों ने 1988 के बाद इस साल बाढ़ से तबाही देखी है। सोशल मीडिया पर पंजाब के लोग मुख्यमंत्री भगवंत मान का वह वीडियो अपलोड कर रहे हैं, जिसमें वे राजस्थान को एक बूंद भी पानी नहीं देने की बात कह रहे हैं। मान ने यह बयान तब दिया था जब इसी साल जून-जुलाई में पंजाब में धान की रोपाई चल रही थी।

उस समय बांधों का जलस्तर काफी कम था और पंजाब सरकार राजस्थान को मिलने वाले पानी के हिस्से में कटौती कर पंजाब के किसानों को धान की रोपाई के लिए पानी उपलब्ध करवा रही थी। सोशल मीडिया पर इस तरह के बयान और वीडियो भी छाए हुए हैं कि राजस्थान पानी नहीं मांग रहा, लेकिन राजस्थान सरकार की ओर से ऐसा कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया गया।

हरिके हैडवर्क्स से डाउनस्ट्रीम में पानी छोड़ेंगे तो पौंड लेवल टूटेगा और इसका सीधा असर फिरोजपुर फीडर और इंदिरा गांधी नहर को मिलने वाले पानी पर पड़ेगा। यह बात सही है कि एक समय जब हम पंजाब से पानी मांग रहे थे और वह दे नहीं रहा था। अब घग्घर में बाढ़ के खतरे को देखते हुए हम पानी मांगने की स्थिति में नहीं हैं। किसानों को पौंड का तकनीकी पक्ष समझना चाहिए।

प्रदीप रूस्तगी, मुख्य अभियंता, उत्तरक्षेत्र हनुमानगढ़

पानी को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है कि राजस्थान को पानी की जरूरत नहीं है। गंगनहर के किसानों को आज भी पानी की जरूरत है, लेकिन हरिके हैडवर्क्स से डाउनस्ट्रीम में पानी छोड़े जाने से वहां पौंड लेवल टूट गया है, जिससे चाहते हुए भी फिरोजपुर फीडर में 9500 क्यूसेक या इससे अधिक पानी नहीं लिया जा सकता। पौंड लेवल सही होने पर ही गंगनहर को पूरा पानी मिल सकेगा।

हरविन्द्र सिंह गिल, गंगनहर प्रोजेक्ट चेयरमैन

सीधी से बात है कि हरिके हैडवर्क्स पर पौंड लेवल टूटता है तो हमें पूरा पानी नहीं मिलता। वहां पौंड लेवल 690 फीट होने पर ही हमें पूरा पानी मिलता है। अभी जो पानी मिल रहा है, वह ओपन पौंड पर मिल रहा है। पंजाब का यह कहना कि राजस्थान पानी की मांग नहीं कर रहा, सही नहीं है।

संतवीर सिंह मोहनपुरा, प्रदेश महासचिव जीकेएस