
नक्सल मोर्चे पर 2025 में सफलता के टूटे सारे रेकॉर्ड (photo AI Image)
CG News: बस्तर के लिए साल 2025 ऐतिहासिक रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल नक्सल मोर्चे पर रेकॉर्ड तोड़ सफलताएं मिलीं। वर्ष 2025 सुरक्षाबलों के शौर्य, पराक्रम और रणनीतिक सफलता के लिए इतिहास में दर्ज हो गया है। नक्सल मोर्चे पर इस साल ऐसी उपलब्धियां मिलीं, जिन्होंने बीते पांच वर्षों के सभी रेकॉर्ड तोड़ दिए। बस्तर पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2025 में नक्सल विरोधी अभियान अपने चरम पर रहा और यह साल अब तक का सबसे सफल वर्ष साबित हुआ।
आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2025 में कुल 99 मुठभेड़ें हुईं, जिनमें 256 नक्सली मारे गए। यह संख्या अब तक की सर्वाधिक है। इसके अलावा 884 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 1562 नक्सलियों ने ङ्क्षहसा का रास्ता छोड$कर आत्मसमर्पण किया। यह सरेंडर आंकड़ा नक्सल संगठन की टूटती कमर और सुरक्षाबलों की बढ़ती पकड़ को दर्शाता है। सुरक्षाबलों ने नक्सलियों से 645 हथियार और 875 आईईडी भी बरामद किए, जिससे बड़े हमलों को समय रहते नाकाम किया गया। खास बात यह रही कि वर्ष 2025 में नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों से कोई भी हथियार नहीं लूटा जा सका, जो फोर्स की सतर्कता और ऑपरेशनल मजबूती को दिखाता है।
हालांकि नक्सली ङ्क्षहसा में 46 निर्दोष नागरिकों की हत्या हुई, लेकिन सुरक्षाबलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे न सिर्फ हथियारों से लड़ाई लड़ रहे हैं, बल्कि विकास और विश्वास की लड़ाई भी जीत रहे हैं। 2025 ने साबित किया कि फोर्स का शौर्य, सटीक रणनीति और जनता का सहयोग मिलकर नक्सलवाद की जड़ों को कमजोर कर रहा है। फोर्स के प्रति ग्रामीणों का विश्वास बीते सालों की तुलना में बढ़ा है।
सर्वाधिक 256 नक्सली मारे गए, 884 की गिरफ्तारी और 1562 के सरेंडर का बना सबसे बड़ा रेकॉर्ड
बीते पांच साल के आंकड़ों में सबसे उपर रहेगा 2025
नक्सल मोर्चे पर सफलता का एक बड़ा कारण दूरस्थ इलाकों में फोर्स के कैंपों की स्थापना रही। वर्ष 2025 में बीजापुर में 18, नारायणपुर में 22 और सुकमा में 12 नए कैंप स्थापित किए गए। कुल 52 कैंपों को अब केवल सुरक्षा चौकियों तक सीमित नहीं रखा गया, बल्कि इन्हें इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट सेंटर का रूप दिया जा रहा है। इन कैंपों के माध्यम से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा, राशन, सड$क, बिजली, शिक्षा और सरकारी योजनाओं की जानकारी व लाभ मिल रहा है। दशकों से नक्सल दहशत में जी रहे गांवों में पहली बार प्रशासन की सीधी पहुंच बनी है। इससे नक्सलियों का प्रभाव क्षेत्र सिमटा है और ग्रामीणों का भरोसा शासन-प्रशासन की ओर बढ़ा है।
नक्सल मोर्चे पर 2025 कितना सफल रहा इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नक्सलियों की टॉप लीडरशीप इस साल खत्म हो गई। सेंट्रल कमेटी के महासचिव बसव राजू समेत 11 सेंट्रल कमेटी मेंबर इस साल मारे गए। वहीं पांच दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्यों को
ढेर करने में फोर्स को सफलता मिली। बस्तर में आतंक का पर्याय रहे हिड़मा को भी इसी साल आंध्र में न्यूट्रीलाइज किया गया। इसी तरह गणेश उइके और चलपति जैसे बड़े लीडर इस साल मारे गए।
आंकड़ों में 2025
मुठभेड़: 99
मारे गए नक्सली: 256
गिरफ्तार नक्सली: 884
सरेंडर नक्सली: 1562
बरामद हथियार: 645
बरामद आईईडी: 875
लूटे गए हथियार: निरंक
जनता की हत्या: 46
Updated on:
31 Dec 2025 02:12 pm
Published on:
31 Dec 2025 01:34 pm
बड़ी खबरें
View AllPatrika Special News
ट्रेंडिंग
