
PTI Bharti 2022: राजस्थान में पेपर लीक से लेकर जाली अंकतालिकाओं के खेल को लेकर लगातार सियासत जारी है। अब शिक्षा विभाग की ओर से पीटीआई भर्ती 2022 में खामियों के दावे करते हुए चयनित अभ्यर्थियों का पदस्थापन रोकने के फरमान जारी कर दिए है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि दो बार सत्यापन होने के बाद भी शिक्षा विभाग जाली अंकतालिकाओं के खेल को क्यों नहीं पकड़ सका।
यदि विभाग की ओर से पदस्थापन के समय गंभीरता से दस्तावेज सत्यापन किया जाता तो अब एसओजी की जांच रिपोर्ट के बाद नीद नहीं टूटती। दरअसल, चयनित अभ्यर्थियों का एक बार चयन बोर्ड तो दूसरी बार शिक्षा विभाग ने दस्तावेज सत्यापन किया।
इसके बाद सरकार ने पांच साल में नौकरी हासिल करने वालों का अलग से सत्यापन भी करवाया था। मामले में अब तक 300 से अधिक अभ्यर्थियों पर एफआइआर हो चुकी हैं वहीं 1800 से अधिक अभ्यर्थियों पर गंभीर आरोपों के चलते जांच चल रही है।
एसओजी की जांच में सामने आया कि पीटीआई भर्ती 2022 में 1200 से अधिक अभ्यर्थियों का डाटा मिसमैच मिला है। रिपोर्ट में बताया कि 1200 से अधिक अभ्यर्थियों ने चयन बोर्ड के आवेदन में रोल नंबर व परीक्षा के प्राप्तांक जो लिखे वह मूल अंकतालिका में नहीं थे। ऐसे में सवाल यह है कि फिर ऐसे अभ्यर्थियों को किसकी शह पर दी गई।
पीटीआई भर्ती का परिणाम आने के साथ ही जाली अंकतालिकाओं का खेल सामने आ गया। इसके बाद शिक्षा विभाग ने दस्तावेज सत्यापन में गंभीरता नहीं बरती। कई अभ्यर्थियों के पास एनसीईटी से मान्यता संस्थानों की डिग्री भी नहीं थी। इसके बाद भी शपथ पत्र लेकर नियुक्ति दे दी गई। गलत तरीके से सत्यापन करने वालों के खिलाफ विभाग ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
Updated on:
18 Sept 2025 05:54 pm
Published on:
18 Sept 2025 05:45 pm
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