
धर्मेंद्र (वीरू)24 नवंबर, 2025 को 89 वर्ष की उम्र में धर्मेंद्र दुनिया को अलविदा कह गए। पूरा देश अभी इस सदमे से निकल नहीं पाया है। धर्मेंद्र ने ‘शोले’ में वीरू बनकर ऐसा जादू चलाया, जिसे लोग आज तक नहीं भूल पाए हैं।

संजीव कुमार (ठाकुर)‘शोले’ के ‘ठाकुर’ यानि संजीव कुमार को भला कौन भूल सकता है। अपनी दमदार एक्टिंग से संजीव ने सभी को प्रभावित किया। साल 1985 में 47 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।

अमजद खान (गब्बर)‘ये हाथ मुझे दे दे ठाकुर’, ‘कितने आदमी थे?’ जैसे दमदार डायलॉग और धाकड़ एक्टिंग से अमजद खान ने लोगों में अपनी एक अलग पहचान बनाई। पहली बार ऐसा हुआ था, जब लोग खलनायक के बारे में बात करने लगे थे। अमजद खान का 1992 में देहांत हो गया।

असरानी (जेलर)‘हाहाहाहा… मैं अंग्रेजों के जमाने का जेलर हूं’- असरानी ने अपनी जबरदस्त कॉमिक टाइमिंग से ‘शोले’ के जेलर को यादगार बना दिया। उनकी मौजूदगी ने फिल्म में हंसी की ताजगी घोल दी। 20 अक्टूबर 2025 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

मैक मोहन (सांभा)‘सांभा’ के नाम से मशहूर मैक मोहन ने ही गब्बर के कहने पर वीरू पर निशाना लगाया था। एक्टर ने फिल्म में कम सवाद के बाद भी अपनी अलग छाप छोड़ी। साल 2010 में उनका निधन हो गया था।

विजू खोटे (कालिया)विजू खोटे ने कालिया बनकर वो मशहूर डायलॉग- “सरदार, मैंने आपका नमक खाया है”, इतना यादगार बना दिया कि आज भी फैंस इसे दोहराते हैं। 2019 में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

एके हंगल (इमाम साहब)एके हंगल का इमाम साहब का भावुक किरदार, आज भी दर्शकों के दिल में ताजा है। 2012 में उनका निधन हो गया था।

जगदीप (सूरमा भोपाली)जगदीप ने सूरमा भोपाली बनकर फिल्म में शरारत, मस्ती की ऐसी खुराक दी कि यह किरदार अपने आप में लेजेंड बन गया। 2020 में उन्होंने दुनिया छोड़ दी।

सत्येन कप्पू (रामलाल)सत्येन कप्पू ने ठाकुर के वफादार और सीधे-सादे रामलाल को इतनी सादगी से निभाया कि दर्शक आज भी उन्हें प्यार से याद करते हैं। 2007 में उनका देहांत हुआ था।

लीला मिश्रा (मौसी) लीला मिश्रा की ‘मौसी’ वाली परफॉर्मेंस ने कहानी में एक अलग ही अपनापन और मिठास भर दी। 1988 में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

ये एक्टर्स हैं–जिंदा जया बच्चन- ‘राधा’, हेमा मालिनी- ‘बसंती’, अमिताभ बच्चन- ‘जय’