
प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा बांध गंगरेल धीरे-धीरे भरने लगा है। पखवाड़े भर बाद गंगरेल बांध में पानी की आवक बढ़ी है।

गंगरेल बांध में प्रति सेकेंड 14485 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। इस साल कैचमेंट एरिया में तेज बारिश जैसी स्थिति नहीं होने के चलते पानी की आवक 15000 क्यूसेक से आगे नहीं बढ़ी।

बांध अब भरने की कगार तक लगभग पहुंच गया है। मंगलवार शाम7 बजे की स्थिति में गंगरेल बांध में 28 टीएमसी जलभराव हो चुका था।

अंगारमोती मंदिर के पीछे स्थित हनुमान मंदिर की सीढ़ी डूबते ही खोलने पड़ते हैं बांध के गेट

प्रदेशभर में मानसून एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। गंगरेल बांध के कैचमेंट एरिया में हो रही झमाझम बारिश से बांध में पानी की आवक अचानक बढ़ गई है।