
Ganesh Chaturthi : गणेश चतुर्थी पर मोती डूंगरी मंदिर में भगवान गणेश।

Ganesh Chaturthi : गणेश चतुर्थी पर मोती डूंगरी मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन करते श्रद्धालु।

Ganesh Chaturthi : गणेश चतुर्थी पर मोती डूंगरी मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन के लिए लाइन लगाए श्रद्धालु।

Ganesh Chaturthi : मोती डूंगरी मंदिर में अपनी बारी का इंतजार करते श्रद्धालु।

Ganesh Chaturthi : मोती डूंगरी की एक विशेष मान्यता है। मंदिर में स्थापित भगवान की मूर्ति जयपुर के राजा माधोसिंह प्रथम की रानी के पीहर मावली से लाई गई थी। माना जाता है कि ये प्रतिमा करीब पांच सौ साल पुरानी है। मावली से ये प्रतिमा पल्लीवाल नाम के एक सेठ जयपुर लेकर आए थे। पल्लीवाल सेठ की देखरेख में ही मोती डूंगरी का ये प्रसिद्ध मंदिर बनवाया गया था।

Ganesh Chaturthi : गणेश चतुर्थी पर जयपुर में अलसुबह से ही मोती डूंगरी के दर्शन करने के लिए भीड़ उमड़ी।

जयपुर में ध्वजाधीश गणेश मंदिर।

Ganesh Chaturthi : जयपुर में नहर के गणेश मंदिर। यह मंदिर करीब 250 साल पुराना है। नाहरगढ़ पहाड़ी के तलहटी में बसा हुआ है। यहां पर दाहिनी सूंड वाले दक्षिणमुखी भगवान गणेश विराजे हैं। इस मंदिर में उल्टा स्वास्तिक बनाने की मान्यताएं हैं।

Ganesh Chaturthi : देश का संभवत: ये एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां बिना सूंड वाले गणेश जी विराजमान है। यहां गणेशजी का बालरूप विद्यमान है। इसका नाम गढ़ गणेश मंदिर है। मंदिर परिसर में पाषाण के बने दो मूषक स्थापित हैं, जिनके कान में भक्त अपनी इच्छाएं बताते हैं और मूषक उनकी इच्छाओं को बाल गणेश तक पहुंचाते हैं। मंदिर सिर्फ गणेश चतुर्थी के दिन खुलता है।

Ganesh Chaturthi : सूरजपोल श्वेत सिद्धिविनायक गणेश मंदिर।