
राजधानी जयपुर में मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त जानकी नवमी का पर्व आज विभिन्न योगों में मनाया जा रहा है। राजधानी जयपुर में चांदपोल स्थित रामचन्द्र मंदिर में सालभर में एक बार होने वाले सीताजी के चरणों के विशेष दर्शन का भक्तों को मौका मिलेगा।

महंत नरेद्र तिवाड़ी ने बताया कि 101 किलो दूध से अभिषेक, 21 तोपों के सलामी के बीच संध्या आरती होगी। विशेष फूलों के बंगले में ठकुरानी विराजेंगी। इससे पहले सुबह 11 बजे पंचामृत अभिषेक के बाद रजवाड़े के दौर के आभूषण और राजसी जामा आदि से माता जानकी का शृंगार किया गया।

रामचंद्र मन्दिर में दोपहर दो बजे जन्म आरती के बाद पंजीरी व पंचामृत का वितरण होगा। शाम सात बजे संध्या आरती होगी। रामदरबार को आम, तरबूज, खरबूजा, फालसा, अनार व बील आदि फलों के साथ ही चौगुनी के लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा।

मंदिर श्री सीताराम जी छोटी चौपड़ में माता सीता जन्मोत्सव महंत नंदकिशोर महाराज के सानिध्य में धूमधाम से मनाया जा रहा है। यहां भी 299 वर्ष पुरानी परंपरा के अनुसार पूरे साल में जानकी नवमी के दिन ही माता जानकी जी के श्रीचरणों के दर्शन श्रद्धालु जनों को कराए जाते हैं।

मंदिर प्रवक्ता विमल शर्मा ने बताया कि 21 हवाई गर्जनाओं के बीच दोपहर 1:30 बजे माता जानकी की जन्म आरती की गई। नवीन पोशाक धारण कराकर नख से शिख तक शृंगार किया जाएगा। इसके अलावा लाडली जी मंदिर में महंत संजय गोस्वामी व आनंदकृष्ण बिहारी मंदिर में पुजारी मातृप्रसाद शर्मा के सान्निध्य में कार्यक्रम हो रहा है।