
नागौर. अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से शहर के मानासर रेलवे फाटक पर बनाए गए विकट मोड़ वाले आरओबी की तरह अब बीकानेर फाटक पर भी इसी प्रकार का पुल बनाने की तैयारी चल रही है।


शुरू में काम को गति देने के बाद जैसे ही उसे लगा कि यहां पोल है तो उसने चार मजदूरों के भरोसे काम छोड़ दिया। पिछले काफी दिनों से यहां मात्र चार-पांच मजदूर काम कर रहे हैं।


प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि काम पर ठेकेदार ध्यान नहीं दे रहा है, मौके पर न तो एक्सपर्ट इंजीनियर है और न ही टेक्नीकल श्रमिक। नॉन टेक्नीकल व अव्यवसायिक यहां काम कर रहे हैं, जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि आरओबी में विकट पर मोड़ पर मानक कोड के अनुसार सुपर एलिवेशन लेना पड़ता है, ताकि मोड़ में गाड़ी पलटे नहीं।


नागौर. आरओबी के नीचे आ रही होटल की बॉलकनी, जिसे अब तक नहीं हटाया गया। इनसेट में दिखाई पड़ती बॉलकनी।

इसका ध्यान मानासर आरओबी में नहीं रखा, जिसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। इसे देखते हुए अधिकारी और जनप्रतिनिधि मानासर आरओबी में अब सुधार की बात करते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अब सुधार करना काफी मुश्किल है। ऐसे में समय रहते बीकानेर रेलवे फाटक पर बन रहे आरओबी पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह भी खतरनाक पुल बन जाएगा, क्योंकि इसमें मानासर वाले आरओबी से भी ज्यादा विकट मोड़ हैं। इसका आकार पूरी तरह सर्पाकार है।

आरओबी निर्माण के दौरान बीच में आ रही एक होटल की बॉलकनी को हटाना तक उचित नहीं समझा गया। ठेकेदार ने पुल के ऊपर की तरफ की बॉलकनी तो तोड़ दी, लेकिन पुल के एकदम नीचे आ रही बॉलकनी को यूं ही छोड़ दिया। यदि समय रहते इसे नहीं हटाया गया तो यातायात शुरू होने के बाद बड़ा हादसा हो सकता है। एक तरफ आरओबी का निर्माण अंतिम चरण में है और दूसरी तरफ सर्विस रोड सहित आरओबी पर डामरीकरण का काम अभी शुरू ही नहीं किया है। सर्विस रोड बनाने से पहले जो अतिक्रमण हटाने पड़ेंगे, उन्हें हटाना तो दूर चिह्नित तक नहीं किया है।