
Bamleshwari Temple: मंदिर के गर्भगृह के सामने मुख्य दरबार में सिंदूरी रंग में सजी मां बम्लेश्वरी का भव्य रूप नजर आता है।

Bamleshwari Temple: लंबी-लंबी कतारों में खड़े भक्त घंटों यहां मां की एक झलक भर पाने का इंतजार करते नजर आते हैं।

Bamleshwari Temple: नवरात्रि में ये मंदिर 24 घंटे खुला रहता है। मां बम्लेश्वरी के दरबार में पहुंचकर भक्तों को हर मुश्किलों से लड़ने का मार्ग मिलता है।

Bamleshwari Temple: मां बम्लेश्वरी का दरबार 1600 मीटर ऊंची पहाड़ी पर है। बता दें कि श्रद्धालुओं को यहां तक पहुंचने के लिए 1100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।

Bamleshwari Temple: पहाड़ के नीचे भी मां बम्लेश्वरी का एक मंदिर है, जो छोटी बम्लेश्वरी के नाम से प्रसिद्ध है। मान्यता है कि वे मां बम्लेश्वरी की छोटी बहन हैं।

Bamleshwari Temple: मां बम्लेश्वरी शक्तिपीठ का इतिहास लगभग 2200 साल पुराना है। पहले डोंगरगढ़ कामाख्या नगरी कहलाती थी। समय के साथ डोंगरी और फिर डोंगरगढ़ कहलाने लगी।