शीतकालीन अवकाश में लोग घूमने निकल रहे है। प्राचीन बम्लेश्वरी माता मंदिर के लोग सहपरिवार दर्शन करने पहुंच रहे है।
इतिहासकारों और मंदिर के पुजारियों के अनुसारडोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर का इतिहास करीब 2200 साल पुराना है।
मां बमलेश्वरी करीब 1600 फीट ऊंचे पहाड़ पर विराजमान हैं। कहा जाता है कि आज भी मां बम्लेश्वरी जागृत अवस्था में भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
कहा जाता है कि राजा कामसेन ने मां बगलामुखी को अपने तपोबल से प्रसन्न कर पहाड़ों पर विराजमान होने की विनती की थी और मां बगलामुखी मां बम्लेश्वरी के रूप में पहाड़ों पर विराजमान हो गईं।
मां बम्लेश्वरी का मंदिर डोंगरगढ़ की खूबसूरत हरी-भरी घाटियों और झील के किनारे स्थित है। मां का दरबार प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। @Trilochan Manikpuri