
उल्टी दिशा में पानी का बहना: सरगुजा में कई प्राकृतिक और मनोरम स्थान हैं जो लोगों को अपनी ओर खींचते हैं। यहां का उल्टा पानी सबसे ज्यादा विख्यात है। जहां पानी की धार ढलान से चढ़ान की ओर चढ़ती है। यहां एक स्थान पर गाड़ियां भी बंद कर देने पर खुद चढ़ान की ओर लुढ़कने लगती हैं।

सरगुजा से कुछ ही दूरी पर जलजली नामक प्वाइंट है जहां जमीन हिलती है। इस जमीन पर जम्प करने पर जमीन (CG Tourism) ऐसे हिचकोले खाती है मानो जमीन की सतह रबर से बनी हो। यह स्थान पर्यटकों को और खासकर बच्चों को बहुत भाता है।

सरगुजा का टाइगर पॉइंट, यह स्थान घनघोर जंगल के बीच है। यहां पानी का तेज बहाव और फिर काफी ऊंचाई से गिरता झरना बेहद आकर्षक लगता है। प्रकृति के अनुपम नजारे लोगों को बेहद पसंद आते हैं।

सरगुजा के महेशपुर का खास महत्व: अम्बिकापुर से 60 किलोमीटर दूर अम्बिकापुर बिलासपुर मुख्य मार्ग में उदयपुर से करीब 7 किलोमीटर अंदर महेशपुर नाम की जगह है। यहां पुरातत्व विभाग ने प्राचीन मूर्ति और अवशेषों का विशाल संग्रह रखा है। रेण नदी के किनारे प्राचीन शिव मंदिर और पुरातात्विक महत्व के अवशेष देखने योग्य हैं।

रामगढ़ का ऐतिहासिक महत्व: संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित है रामगढ़ पर्वत। मान्यता है कि 14 वर्ष के वनवास के दौरान भगवान राम यहां आए थे (CG Tourism) और अपनी सेना समेत विश्राम इसी पर्वत पर किया था। इस पर्वत पर कई अलग अलग गुफाएं है।

रामगढ़ पर्वत पर नाट्यशाला: रामगढ़ पर्वत पर जाने पर सबसे पहले एक नाट्यशाला दिखाई देती है। जिसे देखकर ही लगता है कि, किसी बड़े आयोजन के लिये यहां मंच और लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई होगी। नाट्यशाला में जाने पर वहां पर गूंजती आवाज साउंड सिस्टम का अहसास कराती है।