
SC-ST आयोग के पूर्व अध्यक्ष बृजलाल
पीलीभीत। पूर्व डीजीपी व उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष बृजलाल दो दिवसीय दौरे पर पीलीभीत पहुंचे। इस बीच उन्होंने जनता के बीच जाकर नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के बारे में जानकारी दी। इस दौरान पूर्व डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ राजनैतिक पार्टियों ने इस कानून को लेकर भ्रम फैलाया है कि ये कानून नागरिकता छीनने वाला है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने भ्रामक जानकारी फैलाने वाली राजनैतिक पार्टियों को दलित विरोधी बताया।
नागरिकता संशोधन कानून के बारे में जानकारी देते हुए पूर्व डीजीपी बृजलाल ने कहा कि ये कानून शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है, नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पाकिस्तान में हिंदू सिख की आबादी 23 प्रतिशत थी, जोकि अब घटकर 3 प्रतिशत रह गई है। ये आबादी आखिर कहां गई? उस समय पाकिस्तान व अफगानिस्तान में इनका उत्पीड़न हुआ और हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसी वहां से भागकर हिंदुस्तान आ गए। आज पीलीभीत के आसपास ही करीब एक लाख शरणार्थी हैं जिसमें से ज्यादातर दलित हैं।
SC-ST आयोग के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि इस कानून को लेकर नागरिकता छीनने को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा है, वो पूरी तरह गलत है। बांग्लादेश से विस्थापित होकर जो लोग आए हैं, उनमें से 75 फीसदी दलित हैं। जो लोग उनका विरोध कर रहे हैं वे भ्रामक प्रचार कर रहे हैं, साथ ही वे दलित विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग नहीं चाहते कि उन्हें नागरिकता मिले। ये सरकार किसी भी घुसपैठियों को नागरिकता नहीं देगी। इस बिल से भारत में रहने वाले किसी भी धर्म के नागरिक को इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
Published on:
10 Jan 2020 01:09 pm
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