प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से नोटबंदी का फैसला लिया है, तब से बैंकों में भीड़ कम नहीं हुई है। आम जनता कामधंधा छोड़कर कैश के लिए बैंक में धक्के खाने को मजबूर है। फिर भी उसे रुपए नहीं मिल पा रहे हैं। हालात ये हो गए हैं कि रुपए न मिल पाने की वजह से गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति और बिगड़ती जा रही है। कोई बीमारी से तड़प रहा है तो कोई इलाज के अभाव में दम तोड़ रहा है। ऐसा ही हुआ पीलीभीत के एक किसान के साथ। नोटबंदी के बाद बैंकों से रुपए न मिल पाने पर उसके एक बेटे की इलाज के अभाव में मौत हो गयी। दूसरा जवान बेटा बीमार पड़ा है। लाचार पिता अपने ही रुपयों के बैंक में धक्के खाने को मजबूर है।