28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

डीपीआरओ के खिलाफ ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी

ग्रामीणों ने डीपीआरओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुये तख्तियों पर नारे लिखकर विकास भवन में प्रदर्शन कर नारेबाजी की।

2 min read
Google source verification
DPRO

डीपीआरओ के खिलाफ ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी

पीलीभीत। जिला पंचायत राज अधिकारी के खिलाफ ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने डीपीआरओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुये तख्तियों पर नारे लिखकर विकास भवन में प्रदर्शन कर नारेबाजी की। वहीं जब मीडिया ने जिला पंचायत राज अधिकारी से उनका पक्ष जानना चाहा तो वो बिना किसी तवज्जो के अपने काम में लगे रहे और कहा कि कोई भी वर्जन देना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।

डीपीआरओ के खिलाफ नारेबाजी

पीलीभीत के मरौरी ब्लॉक के गांव कंजा हरैया के रहने वाले ग्रामीण दर्जनों की संख्या में विकास भवन पहुंचे यहां पहुंचकर उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। ग्रामीणों के हाथो में नारे लिखी तख्तियां थीं किसी में लिखा था कि ‘हर पंचायत में शोर है, डीपीआरओ चोर है’ ‘पंचायतों में भ्रष्टाचार, डीपीआरओ का शिष्टाचार’ ‘कर्मा से स्पष्ट है, डीपीआरओ भष्ट है’ आदि ऐसे नारों के साथ ग्रामीणों ने अपना गुस्सा निकाला। ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी ग्राम पंचायत कंजा हरैया में लाखों का रूपए का गबन सचिव व ग्राम प्रधान द्वारा किया गया।

डीपीआरओ पर गंभीर आऱोप

जांच में आरोप भी सही पाये गये और ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज कर दिये गये। जिस पर जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय कमेटी बनावाकर ग्राम पंचायत के विकास के लिये गठन करने के आदेश दिये थे लेकिन डीपीआरओ उस फाइल को दबाकर बैठ गये और बिना किसी कार्रवाई के बैठे हैं जिससे उनके गांव के विकास कार्य रूक गये हैं। आरोप है कि डीपीआरओ भ्रष्ट हैं और वो आरोपी ग्राम प्रधान व सचिव को संरक्षण दे रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कई ग्राम पंचायतों में डीपीआरओ भ्रष्टाचार के चलते कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और दो माह से फाइल दबाये हुये हैं। इसी बात से क्षुब्ध होकर ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन किया।

डीपीआरओ ने साधी चुप्पी

इस मामले में जब डीपीआरओ प्रमोद कुमार यादव से वार्ता करनी चाही तो वह कुछ भी बोलने से इंकार करने लगे इतना ही नहीं टीवी चैनल की आईडी अपने हाथ से हटाने लगे। उनसे कहा कि थोड़ा समय मीडिया को दे दें तो बोले कि समय हम इस सम्बंध में नहीं देंगे। अपने उपर लगे आरोप पर जवाब नहीं देते हुये बोले कि बिना जिलाधिकारी की आज्ञा के हम आपको वर्जन नहीं देंगे।